भाजपा विधायक महेश नेगी को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने डीएनए सैम्पलिंग पर लगाई रोक

अल्मोड़ा/द्वाराहाट: हाईकोर्ट ने द्वाराहाट से भाजपा विधायक महेश नेगी के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने के मामले में दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने विधायक नेगी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया। पूर्व में कोर्ट ने सरकार से इस मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इसमें शुक्रवार को इस मुकदमे के जांच अधिकारी की ओर से अंतिम जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। जांच में विधायक नेगी के खिलाफ रेप की पुष्टि नहीं हुई। इस आधार पर कोर्ट ने उनकी याचिका निस्तारित कर दी। वहीं पीड़िता की ओर से दायर वाद में कोर्ट ने सरकार और विधायक से 13 जनवरी तक शपथ पत्र पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तिथि नियत की गई है। सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई।

क्या है पूरा मामला
पीड़िता ने छह सितम्बर 2020 को नेहरू कालोनी देहरादून में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने उनका यौन शोषण किया है। अब महेश नेगी व उनकी पत्नी रीता उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इस मामले की जांच कर रहे दो विवेचना अधिकारियों को भी सरकार ने बदल दिया था, इसलिए कि विधायक सत्तारूढ़ पार्टी के हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच करने में पक्षपात रवैया अपना रही है। देहरादून सीजेएम कोर्ट ने दिसंबर 2020 को आदेश पारित कर विधायक को डीएनए सेंपल लेने के लिए तलब किया था। निचली अदालत के आदेश को विधायक द्वारा याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। दोनों याचिकाओं पर सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ ने सरकार के शपथपत्र के आधार पर विधायक की याचिका को निस्तारित कर दिया। कोर्ट ने महिला की यौन शोषण मामले की सीबीआई जांच कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार व विधायक महेश नेगी को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

(रिपोर्ट:मनीष नेगी द्वाराहाट)

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version