
नई टिहरी(आरएनएस)। भिलंगना ब्लॉक के गांवों में जंगली जानवरों बंदर, सुअर, लंगूर, भालू और गुलदार का आतंक बना हुआ है। जंगली जानवरों से जहां जानमाल के खतरे का भय बना रहता है, वहीं ये फसलों को भी चौपट कर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन और कृषि विभाग सहित शासन-प्रशासन से समस्या का हल करने की मांग की है। भिलंगना ब्लॉक की ग्यारह गांव, हिंदाव, नैलचामी, भिलंग, केमर, बासर, आरगढ़, गोनगढ़, थाती-बूढाकेदार, कोटी फैगुल सहित जाखणीधार की ढुंगमंदार पट्टी में बंदरों, लंगूर, सुअर, भालू, और गुलदार का लगातार भय बना हुआ है। यह जानवर काश्तकारों फसलों सहित साग-सब्जियों को चौपट कर रहे हैं।
पूर्व बीडीसी सदस्य लक्ष्मी प्रसाद जोशी, भजन सिंह भंडारी, डॉ. नरेंद्र डंगवाल, हिम्मत रौतेला, दिनेश लाल, नरेश बसलियाल, दिनेश भजनियाल, जयवीर मियां, कृष्णा गैरोला, सोहन सिंह बिष्ट, वीर सिंह पंवार, भारती रावत, रघुवीर सिंह, नीलम बिष्ट, भरत गुसाईं, यशवंत गुसाईं आदि लोगो ने कहा कि जंगली जानवर ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। इससे बचने के लिए सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है। कहा कि एक ओर सरकार खेती किसानी की बात कर रही है, वहीं जंगली जानवरों से फसलों और मनुष्यों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। कहा कि परेशान ग्रामीण मजबूरन खेती-बाड़ी छोड़कर गांव से पलायन को मजबूर हैं। आलम यह है कि फेंसिंग के लिए भी विभागों के पास पर्याप्त बजट नहीं है। उन्होंने इस ओर कार्यवाही की मांग की है।