भारत पर भी कम भारी नहीं पड़ रहा यूक्रेन संकट, अब तक निवेशकों के डूबे 9.1 लाख करोड़ रुपये
नई दिल्ली। रूस द्वारा यूक्रेन के दो विद्रोही-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों को मान्यता दिए जाने के बाद बेंचमार्क सूचकांकों में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ भारतीय इच्टिी के लिए मंगलावर की शुरुआत काफी निराशाजनक रही। रूस-यूक्रेन संकट ने पिछले कई दिनों से दुनिया भर के बाजारों को संकट में डाल दिया है। बढ़े हुए तनाव और युद्ध की आशंकाओं से उत्पन्न सूनामी ने केवल पांच दिनों की अवधि में बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण को 9.1 लाख करोड़ रुपये तक कम कर दिया है। निवेशकों के पैसे डूब गए हैं। 16 फरवरी आखिरी दिन था जब भारतीय बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। उसके बाद लगातार गिरावट देखी जा रही है।
मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 1,245 अंकों की गिरावट के साथ 56,439 पर खुला, जबकि निफ्टी 359 अंकों की गिरावट के साथ 16,848 पर खुला। अन्य सभी एशियाई सूचकांक दिन के दौरान 1 प्रतिशत से अधिक नीचे थे।