
हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा पॉलिसी का लाभ नहीं देने के मामले में बीमा कंपनी के अधिकारियों को उपभोक्ता सेवा में कमी का लापरवाही का दोषी पाया है। आयोग ने दोनों अधिकारियों को शिकायतकर्ता के इलाज में खर्च धनराशि डेढ़ लाख रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से और शिकायत खर्च के रूप में पांच हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता राजीव कुमार पुत्र सुखबीर सिंह निवासी ग्राम मौहम्मदपुर जट मंगलौर ने प्रबन्धक रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस नई दिल्ली और मैनेजर जीवाईएस ग्लोबल नोएडा यूपी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। बताया था शिकायतकर्ता ने दोनों से एक बीमा हेल्थ पॉलिसी कराई थी, जो सिंगल प्रीमियम पॉलिसी के तहत 5433 रुपये बैंक खाते के माध्यम से अदा किए थे। उक्त पॉलिसी की अवधि एक वर्ष के लिए थी। उक्त दोनों अधिकारियों ने उसे अस्पताल में इलाज और दवाई खर्च डेढ़ लाख रुपये तक राशि देने का वायदा किया था। अक्तूबर 2017 में शिकायतकर्ता को हृदय संबंधित बीमारी के चलते राममनोहर लोहिया अस्पताल नई दिल्ली में भर्ती होना पड़ा था। जिस संबंध में शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी अधिकारियों को सूचना दी थी। शिकायतकर्ता ने इलाज और दवाई से संबंधित बिलों व कागजात बीमा कंपनी के कर्मचारियों को सौंप दिए थे। लेकिन इसके बाद भी बीमा कंपनी ने शिकायतकर्ता को पॉलिसी का लाभ नहीं दिया था। जबकि बीमा पॉलिसी की अवधि में शिकायतकर्ता का इलाज हुआ था। इसके अलावा बीमा कंपनी के अधिकारियों ने कोई संतोषजनक जवाब और कार्रवाई नहीं की थी। शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी। शिकायत की सुनवाई करने के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन और सदस्य विपिन कुमार ने बीमा कंपनी के दोनों अधिकारियों को उपभोक्ता सेवा में कमी और लापरवाही करने का दोषी पाया है।