‘बैन’ के बीच भारत ने रूस से खरीदा 50 गुना ज्यादा तेल, सस्ती दरों पर मिले ऑफर का असर

नई दिल्ली।  भारत ने रूस से इस बार 50 गुना अधिक कच्चा तेल आयात किया इसी के साथ कच्चे तेल की सप्लाई में रूस की हिस्सेदारी 10 फीसदी हो चुकी है। बीते गुरुवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी उपलब्ध करवाई। 50 गुना अधिक कच्चा तेल आयात करने का ये आंकड़ा इस साल अप्रैल से अब तक का रहा है। जानकारी हो कि भारत अपनी तेल की जरूरतों का 85 प्रतिशत हिस्सा दूसरे देशों से आयात करता है।
देश में सबसे ज्यादा मात्रा में तेल ईराक और उसके बाद सऊदी अरब से आयात किया जाता रहा है। जबकि इस साल पहली तिमाही और बीते साल 2021 की पहली तिमाही में भारत रूस से 1 फीसदी से भी कम तेल आयात कर रहा था। रूस से कच्चा तेल आयात करने में इस साल अप्रैल से ही तेजी देखी गई जब देश में तेल की कुल जरूरत का 5 फीसदी हिस्सा रूस से आयात किया गया। इसी के साथ बीते महीने रूस भारत को तेल सप्लाई करने में ईराक के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया था।
रूस- यूक्रेन महायुद्ध के बाद से ही कच्चे तेल पर रूस के दिए ऑफर्स का भारत ने लाभ उठाना शुरू कर दिया था। इसी कड़ी में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस अब भारत को कच्चा तेल सप्लाई करने वाले टॉप 10 देशों में आ चुका है। देश में आयात किए गए कुल रूसी तेल का 40 फीसदी हिस्सा दो प्राइवेट कंपनियों रिलायंस इंडस्ट्री और नायरा एनर्जी ने खरीदा। बता दें भारत कच्चे तेल का आयात करने वाला दुनिया के तीसरे सबसे बड़ा देश है।
रूस ने कच्चे तेल पर आकर्षक ऑफर्स उपलब्ध करवाए यही वजह रही कि रूस से तेल ज्यादा मात्रा में आने लगा। बीते तीन हफ्तों में तेल की सप्लाई पिछले साल के मुकाबले 31 गुना बढ़ गई है। इसी के साथ रूस से कच्चे तेल की खरीद अब 2।2 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है। आंकड़े बताते हैं कि बीते महीने मई में भारतीय रिफाइनर कंपनियों ने 2.5 करोड़ बैरल रूसी तेल खरीदा।

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