बड़े उत्साह से मनाया गया भाई दूज का त्यौहार

देहरादून। पंच महापर्व के अंतिम दिन भाई दूज का त्योहार बड़े उत्साह से मनाया गया। बहनों ने उपवास रखकर भाई के लंबी उम्र के लिए दुआ की। भाई को तिलक लगाकर उनकी आरती उतारने के बाद मुंह मीठा कराया। विवाहिताओं ने भाइयों को घर बुलाकर तिलक लगाया भोजन कराया।
भैया दूज के दिन बहनें ने अक्षत, कुमकुम और रोली से आठ दल वाला कमल का फूल बनाकर आंगन में पूजा की। भाई की लंबी उम्र और कल्याण की कामना के साथ उपवास का संकल्प लिया। विधि-विधान के साथ यम की पूजा की। यम की पूजा के बाद यमुना, चित्रगुप्त और यमदूतों की पूजा की। भाई को तिलक लगाकर बहनों आरती उतारी। भाईयों ने यथाशक्ति अपनी बहन को उपहार भेंट किए। पूजा होने तक भाई-बहन दोनों ने ही उपवास रखा। पूजा संपन्न होने के बाद भाई-बहन साथ मिलकर भोजन किया। पंडित मनोज जगूड़ी ने बताया कि हिंदू धर्म में भैया दूज का विशेष महत्व है। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है। रक्षाबंधन के बाद भैया दूज दूसरा ऐसा त्योहार है जिसे भाई-बहन बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है। कई जगहों पर इस दिन बहनें अपने भाइयों को तेल लगाकर उन्हें स्नान भी कराती हैं। यमुना नदी में स्नान कराना अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर यमुना में स्नान संभव न हो तो भैया दूज के दिन भाई को अपनी बहन के घर नहाना चाहिए। पछुवादून के डाकपत्थर, विकासनगर, हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई में हर घर में भाई दूज का पर्व बड़े उत्साह से मनाया गया।