आयुर्वेद में अपार संभावनाएं, शोध को बढ़ावा दें : गणेश जोशी

देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आयुर्वेद में अपार संभावनाएं, शोध को बढ़ावा दें। केंद्र एवं प्रदेश सरकार शोध के क्षेत्र में हर संभव मदद दे रही हैं। यदि पहाड़ में होने वाली जड़ी बूटियों का दोहन सही से करे, तो इसे आर्थिकी का आधार बनाकर पलायन को रोका जा सकता है।
शनिवार को यूनिवर्सिटी जर्नल ऑफ फाइटोकेमिस्ट्री एंड आयुर्वेदिक हाइट्स की ओर से तस्मिया अकादमी में एक सेमीनार हुआ। कैबिनेट मंत्री जोशी ने कोविड-19 के दौरान आयुर्वेद और आयुर्वेदिक योगों के महत्व पर जोर दिया। संपादक डॉ. आईपी सक्सेना ने उजपा का संक्षिप्त परिचय दिया। अध्यक्ष डॉ. एस. फारूक ने वैक्सिन को बहुत कम समय में स्वदेशी रूप से विकसित करने के लिए टीकाकरण और देश की उपलब्धि पर विचार रखे। विशिष्ट अतिथि डीजी यूकोस्ट डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कुछ पौधे आधारित कैंसर रोधी दवाओं के उपयोग और कैंसर के इलाज के लिए एलोपैथिक प्रणाली द्वारा उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी दी। डॉ हिम्मत सिंह ने कोविड-19 के खिलाफ फाइटोकेमिकल्स के उपयोग के बारे में बताया। आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ. सुनील जोशी ने कोविड-19 के दौरान आयुर्वेदिक क्वाथ के उपयोग और सेप्टिलिन के सफलतापूर्वक उपयोग पर जानकारी दी। इस दौरान विभिन्न देशों के छात्रों और 50 युवा वैज्ञानिकों ने मौखिक रूप से और पोस्टर के माध्यम से अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। आईएफएस डॉ. अश्विनी कुमार, डॉ. अफशान तरन्नुम, मुफ्ती वसीउल्लाह, जहांगीर आलम, मुफ्ती जिया उल हक आदि मौजूद रहे।


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