
अल्मोड़ा। 10वें आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को आयुष्मान आरोग्य मंदिर शैल, अल्मोड़ा में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मोहम्मद शाहिद के मार्गदर्शन में धनवंतरी पूजा और हवन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। हवन का संचालन डॉ. हेमंत तिवारी ने किया। कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं, योग साधकों और चिकित्साधिकारियों सहित लगभग 30 लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रही। हवन के बाद संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न चिकित्सकों ने अपने विचार रखे। डॉ. अनुपमा त्यागी ने आयुर्वेद दिवस के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. गीता पुनेठा ने महिला बांझपन पर, डॉ. श्रुति अग्रवाल ने गर्भवती महिलाओं में एनीमिया और उसके उपचार पर जानकारी दी। डॉ. अद्या पांडे ने किशोरियों में व्यक्तिगत स्वच्छता और पोषण के महत्व पर विचार रखे। डॉ. हेमंत तिवारी ने पीसीओडी और हृदय संबंधी रोगों पर जानकारी दी। डॉ. योगेंद्र सिंह ने मर्म चिकित्सा, डॉ. पंकज वर्मा ने गुर्दे की पथरी और डॉ. रजनी बाला ने मानसिक रोगों पर विस्तार से विचार रखे। साथ ही योग अनुदेशक ने गर्भवती महिलाओं और वृद्धों के लिए योग के महत्व पर चर्चा की। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. मोहम्मद शाहिद ने ‘प्राचीन चिकित्सा पद्धति का आधुनिक युग में महत्व’ विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा एक समिति का गठन किया जाएगा जो एनसीडी रिवर्सल, मेटाबोलिक रोग और महिला बांझपन से जुड़े आंकड़ों पर काम करेगी, ताकि लोगों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाया जा सके।