अवैध रूप से बनाए रेस्टोरेंट, ढाबे, कमरे और निर्माणाधीन होटलों पर चला प्रशासन का बुलडोजर

देहरादून। मसूरी-देहरादून मार्ग पर अवैध रूप से बनाए गए रेस्टोरेंट, ढाबे, कमरे और निर्माणाधीन होटलों पर शुक्रवार को प्रशासन का बुलडोजर चला। इस दौरान प्रशासन की दो टीमों ने 30 स्थानों पर अतिक्रमण ध्वस्त किया। हालांकि, स्थानीय लोगों ने इसका विरोध भी किया लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के आगे उनकी एक न चली।
एसडीएम सदर नरेश चंद्र दुर्गापाल के नेतृत्व में एमडीडीए, वन विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कुठाल गेट से लेकर पानीवाला बैंड तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। जिसके तहत प्रशासन की टीम ने अवैध रूप से बनाए गए ढाबे, खोले और कमरों को ध्वस्त किया। इसके अलावा इस क्षेत्र में अवैध रूप से दो होटलों का भी निर्माण किया जा रहा था। इन्हें भी प्रशासन की टीम ने ध्वस्त किया।
एसडीएम सदर ने बताया कि कुठालगेट से लेकर पानीवाला बैंड तक 73 स्थानों पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण पूर्व में चिह्नित किए गए थे। इनमें से कुछ का चालान किया गया था, जबकि अन्य को ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस दिए गए थे। उन्होंने बताया कि यहां अधिकांश ढाबे और रेस्टोरेंट में शराब पिलाई जा रही थी और अन्य अवैध गतिविधियां संचालित की जा रही थीं। कहा कि आने वाले दिनों में यहां अवैध नौ भवनों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
उधर, दूसरी टीम का नेतृत्व एसडीएम मसूरी शैलेंद्र सिंह नेगी कर रहे थे। इन्होंने पानीवाला बैंड से मसूरी झील तक अतिक्रमण पर कार्रवाई की। इस क्षेत्र में आठ स्थानों पर एमडीडीए के मानकों के विपरीत बनाए गए भवनों और ढाबों, रेस्टोरेंट को ध्वस्त किया गया। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग की सड़क पर छह जगह किए गए अतिक्रमण को भी हटाया। एसडीएम मसूरी ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ लोगों ने पहले ही अतिक्रमण हटा दिया था। प्रशासन की टीम में ईओ नगर पालिका मसूरी राजेश नैथानी, नायब तहसीलदार भौपाल सिंह चौहान, नायब तहसीलदार सदर जसपाल सिंह राणा, एमडीडीए के ईई अतुल गुप्ता, वन विभाग से डिप्टी रेंज अधिकारी जगजीवन, लोनिवि के एई राजेंद्र पाल सहित पुलिसकर्मी शामिल रहे।

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