अस्तित्व विहीन वाहनों का कर माफ और पंजीकरण निरस्त हो

ऋषिकेश।  यातायात और पर्यटन विकास सहकारी संघ ने परिवहन आयुक्त से अस्तित्व विहीन वाहनों का टैक्स माफ करने और उनका पंजीकरण निरस्त करने की मांग उठाई है। मंगलवार को संघ के पदाधिकारियों ने देहरादून में परिवहन आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से पूर्व वाहनों के समर्पण होने की दशा में वाहन पर कोई कर आदि अस्तित्वविहीन वाहनों पर नहीं पड़ता था। मगर नवंबर 2012 में व्यवस्था में सरकार ने बदलाव कर दिया है। अब वाहन का एक साल में सिर्फ तीन माह तक के लिए ही समर्पण होगा। यह व्यवस्था आपदा, कोविड या वाहन खराब होने की दशा में कारगर नहीं है। वर्ष 2012 के बाद बहुत से वाहन सरेंडर हुए हैं तथा कुछ वाहन स्वामियों ने अपने वाहन खुर्द-बुर्द कर दिए हैं। कई दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुके हैं। ऐसे वाहन स्वामियों ने जानकारी के अभाव या गलती से वाहन का पंजीयन निरस्त नहीं कराया है। इस कारण अब ऐसे अस्तित्वविहीन वाहनों पर वर्ष 2012 से टैक्स विभाग द्वारा निकाला गया है। वसूली के लिए नोटिस भी भेजा गया है। जबकि असल में यह वाहन अस्तित्व में नहीं है। बहुत से वाहन संचालकों ने आर्थिक तंगी के कारण पुराने और दुर्घटनाग्रस्त वाहन कबाड़ में दे दिए हैं। इसलिए वाहनों की समर्पण प्रक्रिया पूर्व की भांति की जाए, ताकि वाहन संचालकों को आसानी हो। कहा कि अस्तित्व विहीन वाहनों का कर माफ किया जाए और इनका पंजीयन भी निरस्त किया जाए। मौके पर संघ के अध्यक्ष मनोज ध्यानी, ट्रांसपोर्ट प्रभारी प्यारेलाल जुगरान आदि उपस्थित रहे।

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