अशासकीय विद्यालयों की भर्तियों पर रोक का विरोध

देहरादून। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में भर्ती पर बार बार रोक का शिक्षकों ने विरोध किया है। माध्यमिक शिक्षक संघ ने इन स्कूलों में भर्ती के लिए आयोग बनाने को भी गलत बताया। कहा कि भर्ती आयोग केवल भ्रष्टाचार का अड्डा बनते जा रहे हैं। यूकेएसएसएससी में सामने आए कई घपले इसका उदाहरण हैं। संघ की वर्चुअल बैठक में कहा गया कि भर्तियों पर रोक अशासकीय विद्यालयों के खिलाफ एक सोची समझी साजिश है। ये भी आरोप लगाए गए कि सरकार के जितने भी नियुक्ति आयोग है सभी में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो चुका है। जिला मंत्री अनिल नौटियाल ने कहा कि सरकार से पूर्व में बनाये गये नियुक्ति आयोग तो संभल नहीं रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति के लिये भर्ती आयोग बनाये जाने के नाम पर बार-बार अशासकीय शिक्षकों की भर्ती कभी अघोषित, मौखिक तथा कभी लिखित रोक लगाई जा रही है। जिससे छात्र-छात्राओं को उसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष संजय बिजल्वाण ने कहा कि अशासकीय विद्यालयों में पूर्व से ही शिक्षको की भर्ती के एक चयन समिति का प्रावधान है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाई गई तो संगठन इस का कड़ा विरोध करेगा तथा आन्दोलन के लिए बाध्य होगा। बैठक में टिहरी के जिलाध्यक्ष महादेव मैठाणी, जनपद अल्मोड़ा के जिलाध्यक्ष गणेश भट्ट, मंत्री कैलाश पांडे, बागेश्वर के जिलाध्यक्ष कैलाश अंडोला, मंत्री प्रकाश कालाकोटी, जनपद नैनीताल के जिलाध्यक्ष पीसी जोशी, मंत्री शैलेन्द्र चौधरी आदि उपस्थित रहे।


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