
वाशिंगटन । जो बिडेन ने आज दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली तथा अपने पहले भाषण में स्पष्ट कर दिया कि वह सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स बिडेन को एक रंगारंग कार्यक्रम में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। बिडेन ने अपने परिवार की 127 साल पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसी बाइबिल पर हाथ रखकर उन्होंने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। वहीं कमला हैरिस ने अमेरिका की 49वें उपराष्ट्रपति बनीं। 56 वर्षीय कमला हैरिस पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई मूल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया। इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीन ट्वीट करके उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने पर जो बाइडन को शुभकामनाएं, भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने को उत्सुक हूं।
बिडेन ने शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन में कहा, मतभेद रहेंगे, यही लोकतंत्र है, लेकिन मतभेद विभाजन की सीमा तक नहीं बढऩा चाहिए। मैं पूरे अमेरिका का राष्ट्रपति हूं। उन्होंने इस मौके को लोकतंत्र की घड़ी बताते हुए कहा कि इस समय संकट और चुनौतियां बहुत हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका के रूप में ही हम इसका सामना कर सकते हैं। उन्होंने इसमें संयुक्त शब्द पर विशेष जोर दिया। कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मिलकर हम इस संकट से पार पा लेंगे। अपने भाषण का अंत उन्होंने धन्यवाद अमेरिका कह कर किया। फिलीस्तीनी नेता ने बिडेन के साथ सहयोग की जतायी उम्मीद
फिलीस्तीनी नेता महमूद अब्बास ने जो बिडेन को अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालने पर बधाई दी और कहा है कि क्षेत्र में शांति कायम रखने के लिए वह साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं। अब्बास ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को भी बधाई दी और गंभीर समस्याओं के समाधान की दिशा में उनकी सफलता की कामना की। फिलीस्तीनी नेता ने कहा, उम्मीद है कि पश्चिम एशिया क्षेत्र ही नहीं बल्कि विश्व में शांति और स्थिरता के लिए हम साथ मिलकर काम करेंगे।