बच्चों के सिर पर डाला लीसा, खुद को समझने लगे कानून से ऊपर

अल्मोड़ा। बच्चों द्वारा गलती करना समझ आता है लेकिन बच्चों को सजा के नाम पर बड़े गलती करें तो क्या कहें। ऐसा ही कुछ मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद से आया है जहाँ सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में 10-12 साल के बच्चों के सिर पर लीसा(बिरोजा) डालने के दृश्य हैं। बच्चों द्वारा गलती करने पर उन्हें प्यार से समझाया जाता है, लेकिन यहाँ लीसा के ठेकेदार व कर्मियों द्वारा बच्चों के साथ घृणित काम किया है। जहां लीसा ठेकेदार के कर्मियों द्वारा सभी बच्चों को लाइन में खड़ा किया और उनको गमले से लीसा अपने सिर पर उड़ेलने को कहा जब बच्चों ने अपने सिर पर लीसा नहीं डाला तो ठेकेदार कर्मी ने उनके सिर पर लीसे के गमले उड़ेल दिया। वायरल वीडियो अल्मोड़ा जनपद ग्राम पंचायत टिटरी व ग्राम गुरना, तहसील स्यालदे का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं और लीसा ठेकेदार तथा कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वीडियो देखकर यह समझ में आ रहा है कि बच्चों ने लीसा जमा करने को लगाए गए गमले (शंकु के आकार के) गिरा दिए थे जिस पर ठेकेदार ने बच्चों को पकड़ कर उनसे पूछताछ की और उनसे अपने सिर पर लीसा डालने को कहा जिसने नहीं डाला उनके सिर पर वीडियो बनाने वाले ने खुद डाल दिया और साथ ही यह भी बोल रहा है कि याद करोगे जिंदगी में। सबसे बड़ी बात यह है कि बच्चों के साथ कुकृत्य करने वाला व्यक्ति खुद वीडियो बना रहा है। जब बच्चों के सिर पर लीसा डाला जा रहा था तो वह यह भी बोल रहे हैं कि उनकी आंखों में मिर्च लग रही है लेकिन बच्चों पर ताकत दिखा रहे लीसा कर्मी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। बच्चों को क़ानून भी अपराधी नहीं मानता तो यह जो वीडियो बना रह है खुद को कानून से ऊपर समझने लगा है। फ़िलहाल वीडियो की जांच पड़ताल में यह पता लगा है कि वीडियो कुछ समय पुराना है। लेकिन जो भी इस तरह मोरल पुलिसिंग कर खुद को कानून से ऊपर समझ रहे हैं उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए। फ़िलहाल पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला राजस्व क्षेत्र का है जिसमें विभागीय स्तर से कार्यवाही जारी है। बच्चों को प्यार से समझना छोड़ इस प्रकार का कृत्य किसी भी प्रकार न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता और इन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।