
रांची (आरएनएस)। झारखंड में सियासी उठापटक के बीच बड़ी जानकारी सामने आई है। सीएम हेमंत सोरेन विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे। यह जानकारी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की की तरफ से जानकारी दी गई है। आज यूपीए गठबंधन का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचा था। इस डेलिगेशन में राज्यसभा सांसद महुआ मांझी, सांसद धीरज साहू, सांसद विजय हांसदा, सांसद गीता कोड़ा, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की समेत अन्य लोग मौजूद हैं। यूपीए प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। वहीं रांची के प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इसी कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार देर रात 9.30 बजे प्राइवेट चार्टर्ड विमान से रायपुर गए पांच मंत्रियों को राजधानी रांची बुलाया गया था।
आज की कैबिनेट की बैठक कई मायनों में अहम है। आज झारखंड के नए राजनीतिक भविष्य की पटकथा इसी कैबिनेट में लिखी जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट की बैठक के दौरान झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र बुलाने पर चर्चा हुई। कहा जा रहा था कि बैठक के बाद राजभवन जाकर राज्यपाल रमेश बैस के समक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपना इस्तीफा सौंपेंगे और नए सिरे से सरकार गठन का दावा पेश करेंगे। इसे लेकर राजभवन से समय भी मांगा गया है। हालांकि फिलहाल राजभवन के तरफ से समय नहीं दिया गया है। अब स्थिति इलके उलट हो गई है।
विधानसभा में यूपीए के कुल 49 विधायक
झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 49 विधायक अपने हैं और उन्हें कुछ अन्य विधायकों का भी सरकार चलाने के लिए समर्थन प्राप्त है। राज्य विधानसभा में झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक हैं। इसके विपरीत मुख्य विपक्षी भाजपा के कुल 26 विधायक हैं और उसके सहयोगी आज्सू के दो विधायक हैं और उन्हें सदन में दो अन्य विधायकों को समर्थन प्राप्त है।