आक्रोशित किसानों ने प्रदर्शन कर कृषि कानूनों का किया विरोध

कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट जैसा

 

रुद्रपुर। केंद्र सरकार की ओर से पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। आक्रोशित किसानों ने प्रदर्शन कर कृषि कानूनों का विरोध किया। इस दौरान उन्होंने एक मार्च को रुद्रपुर में होने वाली किसान पंचायत में प्रत्येक गांव के किसानों को जिम्मेदारी सौंपी। सोमवार को मंडी परिसर में किसानों की पंचायत हुई। वक्ताओं ने केंद्र सरकार के अडिय़ल रवैये पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा तीनों बिल किसानों के लिए डेथ वारंट जैसे हैं। अगर यह कानून लागू हो गये तो किसानी चंद पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी। किसान अपने ही खेतों में मजदूर हो जाएंगे। सरकार इन बिलों को तत्काल रद कर एमएसपी को कानूनी अधिकार दें। इस दौरान किसानों ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर एमएसपी से कम पर खरीद करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की मांग की। किसान नेताओं ने कहा एक मार्च को रुद्रपुर में होने वाली किसान महापंचायत में प्रत्येक गांव से अधिक से अधिक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित हो इसके लिए किसानों तक पहुंचना होगा। बैठक में किसानों को ग्राम स्तर पर जिम्मेदारी भी दी गयी। कहा सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ किसान और मजदूर समेत समाज का प्रत्येक वर्ग एकजुट होकर निर्णायक हल तक संघर्ष करेगा। उन्होंने कहा तीन बिलों से समाज का हर वर्ग प्रभावित हो रहा है। महंगाई और कालाबाजारी चरम पर होगी। यहां अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष त्रिलोचन सिंह, गुरसेवक सिंह मोहार, साहब सिंह बिजटी, मलूक सिंह खिंडा, जीवन सिंह, जगीर सिंह, प्यारा सिंह, रूढ़ सिंह, अनीस राणा, वीर सिंह राणा, मनोज राणा, कुलदीप सिंह, जसवंत सिंह, अर्जुन सिंह आदि रहे।