
हैदराबाद (आरएनएस)। आंध्र प्रदेश के नंदीगामा रायथुपेट में 18 वर्षीय छात्रा ने घर पर पंखे से लटककर कथित तौर पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि छात्रा को उसके पिता द्वारा लिए गए लोन की रिकवरी के एजेंट परेशान कर रहा था। आजिज आकर उसने जानलेवा कदम उठाया। छात्रा ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें उसने परिवार की वित्तीय स्थिति और खुद को परिवार के लिए बोझ बताया।
पुलिस अधिकारी पी कनक राव से मिली जानकारी के अनुसार, मृतक छात्रा की पहचान जस्थी हरिता वार्शिनी के रूप में हुई है, जो अपने परिवार की वित्तीय स्थिति से परेशान थी और अपने पिता द्वारा बकाया राशि का भुगतान न करने पर ऋण वसूली एजेंटों द्वारा कथित रूप से प्रताडि़त के बाद परेशान थी।
कनक राव के अनुसार, बुधवार दोपहर करीब 2 बजे वार्शिनी ने अपने बेडरूम में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है। यह पाया गया कि दो दिन पहले, एसबीआई क्रेडिट कार्ड ऋण वसूली एजेंटों ने वार्शिनी के घर से संपर्क किया और परिवार को कथित रूप से परेशान किया क्योंकि उन्होंने दो साल पहले 3.5 लाख रुपये का ऋण लिया था।
वार्शिनी के पिता जस्थी प्रभाकर राव, दिल्ली में एक निर्माण कंपनी में पर्यवेक्षक के रूप में काम करते थे। परिवार में वार्शिनी, उनकी मां अरुणा और बहन शामिल थे, जो नंदीगामा में किराए के घर में रह रहे थे।
सुसाइड नोट भी मिला
कथित तौर पर वार्शिनी द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में लिखा था कि वह अपने परिवार की खराब वित्तीय स्थिति से चिंतित थी और वह परिवार के लिए बोझ बन गई थी। लडक़ी ने यह भी लिखा कि उसने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उसने श्व्रक्कष्टश्वञ्ज टेस्ट में 15,000 रैंक हासिल की थी। उसने अपनी माँ से अपनी छोटी बहन को शिक्षित करने के लिए नौकरी का सपना देखा था ताकि वह परिवार की देखभाल कर सके।