भारतवंशी सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ्ट को बुलंदियों पर पहुंचाने का मिला इनाम
कंपनी ने सीईओ से बनाया चेयरमैन
वाशिंगटन। भारतीय मूल के सत्या नडेला सफलता के सोपान पर चढ़ते जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने सत्या नडेला को चेयरमैन नियुक्त किया है। भारतीय मूल के नडेला पिछले 7 साल से कंपनी के सीईओ हैं। उनके नेतृत्व में कंपनी ने नई बुलंदियों को छुआ है और उन्हें अब इसका इनाम दिया गया है। वह जॉन थॉमसन की जगह लेंगे जो एक बार फिर लीड इंडिपेंडेंट डायरेक्टर की भूमिका में वापस लौटेंगे। सत्या नडेला वर्ष 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बने थे। इसके बाद सत्या नडेला ने लिंकडइन, न्यूनस कम्युनिकेशंस और जेनीमैक्स जैसी कई कंपनियों के अरबों डॉलर के अधिग्रहण में अहम भूमिका निभाई।
माइक्रोसॉफ्ट ने एक बयान जारी सत्या नडेला को कंपनी का चैयरमैन बनाए जाने की जानकारी दी। इसमें कहा है कि सीईओ सत्या नडेला अब माइक्रोसॉफ्ट के नए चैयरमैन होंगे। नडेला से पहले थॉम्पसन कंपनी के चैयरमैन थे। थॉम्पसन अब प्रमुख स्वतंत्र निदेशक रहेंगे। वर्ष 2014 में थॉम्पसन ने बिल गेट्स के बाद माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन का पद संभाला था।
उनके कार्यकाल के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों की कीमत में सात गुना से अधिक इजाफा हुआ और कंपनी का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच गया। नडेला कंपनी के तीसरे सीईओ हैं और कंपनी के इतिहास में तीसरे चेयरमैन होंगे। इससे पहले बिल गेट्स और थॉमसन कंपनी के चेयरमैन रह चुके हैं। नडेला से पहले स्टीव बाल्मर कंपनी के सीईओ रहे। कंपनी ने एक बयान में कहा कि 72 साल के थॉमसन लीड इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर एक्टिव रहेंगे और नडेला के कंपनसेशन, सक्सेशन प्लानिंग, गवर्नेंस और बोर्ड ऑपरेशंस देखेंगे।
सत्या नडेला का जन्म भारत के हैदराबाद में साल 1967 में हुआ था। उनके पिता एक प्रशासनिक अधिकारी और मां संस्कृत की लेक्चरर थीं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद पब्लिक स्कूल से करने के बाद साल 1988 में मनिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसके बाद कंप्यूटर साइंस में एमएस करने के लिए अमेरिका चले गए। उन्होंने 1996 में शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनस से एमबीए किया।