


रुद्रप्रयाग(आरएनएस) पंचकेदारों में द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान हो गए हैं। अब शीतकाल के छह तक इसी स्थान पर भगवान की नित्य पूजाएं संपन्न होगी। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तों के बम बम भोले के जयकारों के साथ क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। बीते 18 नवम्बर को द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने के बाद प्रथम रात्रि के लिए डोली गौंडार पहुंची थी। जबकि इसके बाद राकेश्वरी मंदिर रांसी और फिर गिरया में रात्रि प्रवास किया। शुक्रवार सुबह गिरिया गांव में पंचाग पूजन के तहत भगवान मद्महेश्वर की विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगाया। इस दौरान स्थानीय भक्तों ने बाबा मद्महेश्वर के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। भक्तों के जयकारों के साथ मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गिरिया से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर के लिए रवाना हुई। भगवान की उत्सव डोली के फापज, सलामी गांव सहित विभिन्न यात्रा पड़ाव आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षतों से भव्य स्वागत किया। भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली का मंगोलचारी में स्वागत किया गया जबकि यहां डोली को सोने का छत्र चढ़ाया गया।

