महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को मिला पदेन निदेशक

देहरादून। राज्यमंत्री रेखा आर्य के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को पदेन निदेशक मिल गया हैै। विभागीय सचिव हरीश चंद्र सेमवाल ने पदेन निदेशक के रूप में वित्त विभाग के वित्त नियंत्रक डॉ. सतीश सिंह को जिम्मेदारी सौंपी हैै। स्थायी निदेशक के न आने तक डॉ. सतीश सिंह विभाग में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के कार्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे। दरअसल, राज्य मंत्री रेखा आर्य और उनके महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक वी. षणमुगम के बीच 2 महीने पूर्व विवाद शुरू हुआ था।
इसके चलते जहां एक तरफ प्रदेश की हजारों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पिछले 4 महीनों से मानदेय नहीं मिल सका, तो वहीं दूसरी तरफ पीएचआर का बजट भी रिलीज नहीं हो पाया। इसके साथ ही विभाग से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे महिलाओं और नवजात शिशु के लिए शुरू की जाने वाली मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना के कार्य पर भी ब्रेक लग गया। ऐसे में विभागीय सचिव ने स्थायी निदेशक की नियुक्ति तक के लिए पदेन निदेशक पद की नियुक्ति की है। गौरतलब है कि राज्यमंत्री रेखा आर्य और उनके विभाग के निदेशक वी. षणमुगम के बीच विवाद का मुख्य कारण था। विभाग में कार्मिकों की भर्ती के लिए प्राइवेट कंपनी को टेंडर देना. ये कंपनी मानकों पर खरी नहीं उतरी। ऐसे में इस पूरे मामले पर बातचीत करने के लिए राज्यमंत्री रेखा आर्य ने जब विभागीय निदेशक वी. षणमुगम को मिलने बुलाया तो वह उनसे मिलने तक नहीं पहुंचे। जिसकी वजह से इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई। वर्तमान में स्थिति ये है कि वी. षणमुगम विभाग की जिम्मेदारी उठाने से हाथ खड़े कर चुके हैं।

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