आज होगी अष्टमी और नवमी की पूजा-अर्चना

हरिद्वार। आज शनिवार को धर्मनगरी में अष्टमी और नवमी की एक साथ पूजा अर्चना होगी। शुक्रवार को कई मंदिरों और घरों में महाअष्टमी का पूजन किया गया। लोगों ने कन्या पूजन भी किया। भ्रम की स्थिति होने के कारण कई लोग शुक्रवार को अष्टमी का पूजन नहीं कर पाए। आज शनिवार को नवमी के साथ अष्टमी का पूजन भी किया जा सकता है। जबकि रविवार की सुबह नवरात्र की समाप्ति होगी और दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इन दिनों शारदीय नवरात्र चल रहा है। शारदीय नवरात्र बीते 17 अक्तूबर से आरंभ हुए थे। इस बार अधिकमास के कारण नवरात्र का पर्व करीब एक महीने की देरी पर शुरू हुआ था। शुक्रवार को अष्टमी की तिथि लग गई, लेकिन कन्या पूजन आज शनिवार को ही किया जाएगा। पंचांग भेद के कारण अष्टमी और नवमी तिथि दोनों एक ही दिन है। शनिवार को धर्मनगरी के मंदिर और हर घर में कन्याओं का पूजन होगा। जबकि शुक्रवार को भी कई घरों के साथ ही मंदिरों में विशेष पूजन किया गया। सुबह से ही मन्दिरों पर मां को जल अर्पण करने वालों की कतार लगी रही। तो दिन चढ़ते ही कन्या भोज का सिलसिला प्रारम्भ हो गया। घर-घर कन्याओं का पूजन कर भोजन कराया गया। मां मनसा देवी मंदिर में भी कन्याओं का पूजन किया गया। अष्टमी में कन्या पूजन करने वाले अधिकांश व्रतधारी शुक्रवार के दिन मां अम्बे की पूजा करने के बाद व्रत खोल देते हैं। शुक्रवार को महिलाओं ने घर की साफ़-सफ़ाई की, तो मन्दिरों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
पंडित प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि आज शनिवार को उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान में अष्टमी आज शनिवार को मनाना फलदायक होगा। जबकि अन्य जगह शुक्रवार को अष्टमी मनाई जानी चाहिए। आज शनिवार को अष्टमी औन नवमी दोनों की पूजा की जा सकती है। शनिवार की सुबह 7 बजे अष्टमी तिथि समाप्त होकर नवमी लग जाएगी। जबकि नवमी तिथि रविवार की सुबह 7:50 बजे तक रहेगी। रविवार की सुबह ही नवरात्र का समापन होगा। और विजय दशमी का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विजय दशमी के दिन रावण के पुतले का दहन होगा।