पकड़ा गया 20000 का ईनामी माओवादी भास्कर पांडे, 4 साल से था फरार

अल्मोड़ा। उत्तराखंड पुलिस और एसटीएफ उत्तराखंड की संयुक्त कार्रवाई में सोमवार को 20 हजार रुपए के इनामी अपराधी भास्कर पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रदेश के डीजीपी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में उसे उसे राज्य का सबसे वरिष्ठ और आखिरी बड़ा माओवादी नेता भी बताया गया है। वह 2017 में अल्मोड़ा और नैनीताल के लोक संपत्ति अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज तीन मुकदमों में वांछित था, और फरार था। उत्तराखंड पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपए का इनाम बढ़ाने के लिए उत्तराखंड शासन के लिए प्रस्ताव भेजा था।

पुलिस के अनुसार भास्कर पांडे के खिलाफ धारी में सरकारी वाहन जलाने, नैनीसार में तोडफ़ोड़ और दीवारों पर भड़काऊ नारे और पोस्टर लगाने का आरोप है। इसके अलावा वर्ष 2014, 2015 और 2017 में कुमाऊं में सरकार विरोधी पोस्टर लगाने, चुनाव बहिष्कार आदि की घटनाओं में भी भाष्कर शामिल था। भाष्कर के खिलाफ अल्मोड़ा के सोमेश्वर और द्वाराहाट थानों में चार और राजस्व क्षेत्र पल्यो में भी पोस्टर चिपकाने और अनलॉफुल एक्टिविटी एक्ट के दो मुकदमे दर्ज हैं।

बताया गया है कि भास्कर पांडे सोमवार को हल्द्वानी में राजेश नाम के एक व्यक्ति को पेनड्राइव तथा कुछ लिखित सामग्री देने जा रहा था, तभी उसे हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास गिरफ्तार किया गया। बताया गया है कि भास्कर पांडे इस दौरान किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय था। वह माओवादी खीम सिंह बोरा का सबसे खास साथी माना जाता है, जिसे यूपी एसटीएफ ने पकड़ा था। इस दौरान भास्कर पांडे द्वारा देश में कई जगह माओवाद से संबंधित प्रशिक्षण लिया था।

डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने जानकारी देते हुए बताया कि डीजीपी अशोक कुमार द्वारा पुलिस की टीम को 20000 रुपये इनाम और मेडल की घोषणा की गई है।