आरएनएस संवाददाता
सोलन(बरोटीवाला) : अटल शिक्षा कुञ्ज, कालूझिंडा स्थित आईईसी यूनिवर्सिटी में “उच्च शिक्षण संस्थानों में टीचिंग, लर्निंग और रिसर्च पर्सपेक्टिव्स” विषय पर एक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का सफल आयोजन किया। जिसका उद्देश्य विभिन्न विषयों के शिक्षकों और शोधकर्ताओं के भीतर पेशेवर गुणों का विकास करना और उन्हें आधुनिक समय के बदलावों के लिए तैयार करना था। दस दिन तक चले इस कार्यक्रम में अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों ने अपना ज्ञान और अनुभव ऑनलाइन माध्यम से साझा किया। इस प्रोग्राम में प्रतिदिन लगभग 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यशाला की शुरुआत प्रो० डॉ० अभय कुमार, कुलपति, प्रताप यूनिवर्सिटी, राजस्थान के वक्तव्य के साथ हुई। जिसमें जिन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की चुनौतियों और अवसरों पर विस्तार से चर्चा की।
इसके अलावा डॉ० प्रभजीत सिंह नरूला, मनोचिकित्सा और परामर्श विशेषज्ञ, नई दिल्ली, प्रो० डॉ० पी० मल्याद्री, आईसीएसएसआर सीनियर फेलो, प्रो० डॉ० गीतिका सूद, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, प्रो० डॉ० के० वी० ठक्कर, डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, मुंबई यूनिवर्सिटी, प्रो० डॉ० ओपी अग्रवाल, पूर्व कुलपति, जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, प्रो० डॉ० अम्पू हरिकृष्णन, वाइस चांसलर, हिमालयन ढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखंड, चेतना रानी, पेटेंट सॉफ्टवेयर ट्रेनर हरयाणा, डॉ० सुदीप्त बनर्जी, निदेशक – एलाइन कंसल्टेंसी सर्विसेज, कोलकाता, डॉ० अलका मौर्य, एमिटी यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश, सुनील कुमार, संस्थापक – फॉरेंसिक डिजिटल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, हरियाणा, प्रो० (डॉ०) कांकीपति श्रीनिवास राव, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद,प्रो० डॉ० वीनस जैन, एमिटी यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश, प्रो० डॉ० संजय सिंधु, निदेशक यूआईएलएस हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, प्रो० डॉ० के० वेणु गोपालराव, एस०के० यूनिवर्सिटी, एपी, डॉ० देवेन महाजन, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, प्रो० डॉ० सुपिन्दर कौर, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, प्रो० डॉ० राज कुमार सिंह, डीन – वाणिज्य विभाग वाराणसी, डॉ० डेसमंड ओनेमेची ओकोचा, बिंघम यूनिवर्सिटी नाइजीरिया ने वर्चुअल माध्यम से अपने विषय प्रस्तुत किये।
आईईसी के प्रो चांसलर प्रो डॉ० रणदीप सिंह ने बताया कि इस प्रकार के प्रोग्राम न केवल उच्च शिक्षण संस्थानों में फेक्ल्टी और शोधार्थियों के ज्ञान को बढ़ाते हैं बल्कि उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सहजता से सामना करने के लिए तैयार भी करते हैं। कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो० डॉ० आशीष कुमार शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम रिसर्च पेपर राइटिंग, रिसर्च प्रपोजल राइटिंग जैसे विषयों पर अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।
रिपोर्ट राइटिंग, अनुसंधान पद्धति, साइबर क्राइम, साहित्यिक चोरी को कम करना, स्ट्रेस मैनेजमेंट, राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020, प्रश्नावली का महत्व और इसकी रूपरेखा और अन्य विषयों को समझने के लिए बहुत लाभकारी रहा। विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो० डॉ० जितेंद्र सिंह ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन पर आयोजकों की सराहना की और भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहने की बात कही।