04 जुलाई को वीपीकेएएस अल्मोड़ा का 101वाँ स्थापना दिवस

अल्मोड़ा। वर्ष 2000 तथा 2007 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का सरदार पटेल सर्वश्रेष्ठ संस्थान पुरस्कार से सम्मानित विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा आगामी 4 जुलाई को अपना 101वाँ स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इस अवसर पर सदस्य नीति आयोग भारत सरकार (दर्जा प्राप्त केन्द्रीय राज्य मंत्री) प्रो रमेश चन्द्र मुख्य अतिथि एवं सहायक महानिदेशक (बीज) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद डॉ देवेन्द्र कुमार यादव, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। पादप कार्यिकी वैज्ञानिक प्रो बोशी सेन ने सन् 1924 में कलकत्ता के आठ बोस पाड़ा लेन के रसोई घर में 04 जुलाई को विवेकानन्द प्रयोगशाला के नाम से इस संस्थान की स्थापना की थी। विवेकानन्द लैब नाम की इस प्रयोगशाला को सन् 1930 में स्थायी रूप से अल्मोड़ा में स्थानान्तरित करके उन्होंने इसके माध्यम से पर्वतीय कृषि को केन्द्रित कर नवीन प्रयोग और अनुसंधान प्रारम्भ किए। सन् 1959 में यह प्रयोगशाला उत्तर प्रदेश शासन को हस्तान्तरित हो गयी। इस प्रयोगशाला के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की इच्छा एवं डॉ एम एस स्वामीनाथन के प्रयासों से इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के अन्तर्गत उत्तर पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों (उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू तथा कश्मीर) के कृषि विकास सम्बन्धी अनुसंधान का दायित्व मिला। तब से यह एक पूर्ण संस्थान के रूप में पर्वतीय क्षेत्रा में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों (अनाज, दाल, सब्जियाँ आदि) के सुधार, फसल सुरक्षा, उत्पादन, वृद्धि एवं प्रचार-प्रसार के साथ-साथ कृषि से जुड़े विभिन्न सामाजिक पहलुओं और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबन्धन पर कार्य कर रहा है। संस्थान के प्रमुख उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और कुशल उपयोग पर विशेष बल देते हुए प्रमुख पर्वतीय फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए आधारभूत नीतिगत और अनुकूली अनुसंधान करना, फसलोपरांत प्रौद्योगिकी का विकास और मूल्य संवर्धन, प्रौद्योगिकी का प्रसार और पर्वतीय कृषि में क्षमता निर्माण करना आदि हैं।


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