विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने किया क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन का उद्घाटन

वेदों का ज्ञान ही सर्वश्रेष्ठ-महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानन्द गिरी

हरिद्वार। सन्यास मार्ग कनखल स्थित श्री सूरत गिरी बंगला में महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन एवं वेदस्थली शोध संस्थान, श्री महेश्वरानन्द सामवेद संस्कृत विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन का मुख्य अतिथी विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी, सूरत गिरी बंगला के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानन्द गिरी महाराज, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, उत्तरखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.देवीप्रसाद त्रिपाठी ने दीप प्रज्ववलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मेयर अनिता शर्मा, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण, गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, विहिप नेता नितिन गौतम आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधानभा अध्यक्ष ऋतु ख्ण्डूरी ने कहा कि वेद सनातन धर्म की धरोहर हैं। वेदों से जीवन के प्रत्येक विषय के संबंध में ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानन्द गिरी महाराज सनातन सस्कृति को देश दुनिया में प्रचारित प्रसारित करने का काम कर रहे हैं। संत समाज भारतीय संस्कृति मूल भावना को समाज के समक्ष प्रस्तुत कर रहा है। सभी को संत महापुरूषों का सम्मान करना चाहिए। महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि वेदों का ज्ञान ही सर्वश्रेष्ठ है। वैदिक सम्मेलन के माध्यम से सनातन धर्म संस्कृति के संबंध में सकारात्मक संदेश दुनिया भर में प्रसारित होगा। जिससे समाज को नई दिशा मिलेगी। युवा पीढ़ी को वेदों का अध्ययन करना चाहिए और वेदों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग समाज व राष्ट्र निर्माण में योगदान करना चाहिए। सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रो.देवी प्रसाद त्रिपाठी ने वेदों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में सनातन संस्कृति व धर्म पल्ल्वित हो रहा है। संत समाज सदैव ही समाज का मार्गदर्शन करता चला आ रहा है। इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महामण्डलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश, सम्मेलन के मुख्य संयोजक सतीन जैन, विभोर विद्याकुल, विनय शास्त्री, संयोजक डा.अरूण मिश्रा, शिवपूजन, अमित त्यागी, एडवोकेट निखिल सिंघल सहित कई संत महापुरूष भी मौजूद रहे।


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