विरोध के बीच एमडीडीए ने ढहाई टैक्सी स्टैंड की चहारदीवारी

 देहरादून। इंदिरा मार्केट रीडेवलपमेंट प्लान को धरातल पर उतारने के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। यहां काम्पलेक्स निर्माण के लिए दुकानों का ध्वस्तीकरण किया जाना है, लेकिन तमाम व्यापारी विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को विरोध के चलते बैरंग लौटी एमडीडीए की मशीनरी को शनिवार को कुछ हद तक सफलता मिल पाई। इस दौरान एमडीडीए की टीम ने विरोध के बीच टैक्सी स्टैंड की चहारदीवारी को ध्वस्त कर दिया।

एमडीडीए के अवर अभियंता डीएस चौधरी टीम के साथ जैसे ही काम करने के लिए पहुंचे तमाम व्यापारी फिर से विरोध में उतर पड़े। हालांकि, कुछ व्यापारियों ने सहयोग किया तो चहारदीवारी तोड़ने का काम शुरू किया जा सका। वहीं, वन विभाग की टीम ने भी पेड़ कटान का काम शुरू कर दिया है। रीडेवलपमेंट प्लान को लेकर मई माह के मध्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भूमि पूजन करना है। लिहाजा, यहां पर अधिक से अधिक भूमि को निर्माण साइट के रूप में तैयार किया जा रहा है। फिर भी अभी बेसमेंट खोदाई के लिए पाइलिंग का अहम काम होना बाकी है। यह कार्य दुकानों के स्थल पर होना है। यह तभी संभव है, जब दुकानों का ध्वस्तीकरण कर दिया जाए। यदि ध्वस्तीकरण से पहले पाइलिंग के लिए खोदाई की जाती है तो मिट्टी खिसकने से दुकानें इसकी जद में आ सकती हैं।
इस स्थिति को देखते हुए एमडीडीए की फील्ड टीम ने पुलिस फोर्स की तैनाती की मांग भी की है। ताकि बिना किसी व्यवधान के काम को तेज गति से आगे बढ़ाया जा सके। वहीं, एमडीडीए उपाध्यक्ष बीके संत का कहना है कि फील्ड अधिकारियों की मांग पर कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में नगर निगम, पुलिस व प्रशासन को सहयोग के लिए आग्रह किया गया है।

अस्थायी दुकानों के आकार पर नाराजगी
जब तक काम्पलेक्स का निर्माण नहीं कर दिया जाता, तब तक व्यापारियों को कारोबार करने के लिए अस्थायी दुकानें दी जा रही हैं। व्यापारी शिफ्टिंग को तैयार हैं, मगर उनका कहना है कि अस्थायी दुकानों का आकार छोटा है। ऐसे में उनका कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।

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