वायरल फीवर होने पर लापरवाही नहीं बरते, डॉक्टर को दिखाएं

ऋषिकेश। बारिश में उमसभरी गर्मी में राहत मिलने के साथ ही संक्रामक रोग दस्तक दे रहे हैं। इन दिनों वायरल फीवर के केस भी तेजी से बढ़ रहे हैं। डाक्टरों की सलाह है कि हल्के बुखार के साथ खांसी, जुकाम और बदन दर्द की शिकायत होने पर तत्काल चिकित्सीय परामर्श लें। लापरवाही बिलकुल नहीं बरतें। ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल की ओपीडी में पंजीकरण का आंकड़ा पखवाड़ाभर में प्रतिदिन 300 से बढ़कर 450 हो गया है। वजह शहर और आसपास वायरल फीवर का पैर पसारना है। वायरल फीवर के लक्षण हल्का बुखार, खांसी-जुकाम के साथ बदन दर्द होना है। अस्पताल की ओपीडी में इस तरह की शिकायत लेकर हर रोज 130 से अधिक लोग आ रहे हैं। सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. अमित रौतेला ने बताया कि वायरल फीवर की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों को चिकित्सीय परामर्श के बाद कोरोना जांच की भी सलाह दी जा रही है। कोरोना और वायरल फीवर के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं। वायरल फीवर की वजह मौसम में होने वाले परिवर्तन को बताया। वरिष्ठ फीजिशियन के मुताबिक वायरल फीवर होने पर लापरवाही नहीं बरते। शीघ्र डाक्टर को दिखाएं। इसका असर करीब 7 दिन तक रहता है। लिहाजा इस मौसम में एहतियात बरतें। पानी उबालकर पीएं, बाजार में खुले में बिकने वाले खाद्य सामग्री से बचें। अपने आसपास सफाई रखें। उधर, एम्स की ओपीडी में भी वायरल बुखार से पीडि़त मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। एम्स में फिजीशियन डॉ. रविकांत बताते हैं कि इन दिनों प्रतिदिन 100 से 150 लोग वायरल बुखार से पीड़ित आ रहे हैं। वह बताते हैं कि बीते कुछ दिनों से वायरल फीवर के केस तेजी से बढ़े हैं। उनका कहना है कि बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से भी वायरल बुखार हो सकता है।

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