विदेशी पर्यटकों के लिए दरवाजे खोलने की तैयारियां शुरू
नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए डेढ़ साल बाद विदेशी पर्यटकों के लिए दरवाजे खोलने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दूसरी तरफ विमान कंपनियों को घरेलू उड़ानों में बढ़ोतरी की इजाजत दे दी गई है। नागर विमानन मंत्रालय के फैसले के मुताबिक विमान कंपनियां अब 85 प्रतिशत घरेलू उड़ानों का संचालन कर सकती हैं। अब तक वे 72.5 प्रतिशत घरेलू उड़ानों का संचालन कर रही थीं। कोविड-19 के कारण मार्च 2020 में लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित पर्यटन, विमानन क्षेत्रों में नई जान डालने के लिए पहले पांच लाख विदेशी पर्यटकों को नि:शुल्क वीजा जारी किए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी विदेशी पर्यटकों को देश में आने की इजाजत के लिए हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं।
10 दिन में हो सकती है घोषणा-
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि विदेशी पर्यटकों को इजाजत देने के संबंध में औपचारिक घोषणा दस दिन के भीतर की जा सकती है। यह फैसला देश में कोविड-19 के घटते मामलों के मद्देनजर किया जा रहा है। देश में ई-पर्यटक वीजा मार्च 2020 से जारी नहीं किए जा रहे हैं।
कभी घटी, कभी बढ़ी संख्या-
सरकार ने पिछले साल 25 मई को घरेलू उड़ानों को बहाल किया था। उस समय मंत्रालय ने विमानन कंपनियों को 33 फीसदी क्षमता के साथ ही घरेलू उड़ान भरने की अनुमति दी थी। दिसंबर तक धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिया गया। एक जून तक यह सीमा 80 फीसदी बनी रही। देश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि व यात्रियों की संख्या में कमी के मद्देनजर एक जून से अधिकतम सीमा 80 से घटाकर 50 फीसदी कर दी गई। अगस्त में इसे बढ़ाकर 72.5 फीसदी किया गया।
हर महीने बढ़ रहे हैं यात्री –
ताजा आंकड़ों के अनुसार अगस्त में 67 लाख लोगों ने उड़ान भरी, जबकि जुलाई में यह संख्या 5 लाख एक हजार ही थी। बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने क्षमता बढ़ाने का फैसला किया। कोरोना महामारी का असर जिन इंडस्ट्रीज पर सबसे ज्यादा हुआ है, उनमें एविएशन सेक्टर भी है।
किराए की सीमा अब 15 दिन –
नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक हवाई किराए की निचली और ऊपरी सीमा 15 दिन तक लागू होगी। विमान कंपनी 16वें दिन से बिना किसी सीमा के शुल्क लेने के लिए स्वतंत्र होगी। इस साल 12 अगस्त से लागू यह व्यवस्था फिलहाल 30 दिन के लिए थी। कंपनियां 31वें दिन से बिना किसी सीमा के शुल्क ले रही थीं।