वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रमेश सिंह पाल को मिला देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार

अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक और आध्यात्मिक लेखक डॉ. रमेश सिंह पाल को ‘देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार 2025’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें देहरादून में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड सरकार के वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के संस्थापक सचिव आचार्य बालकृष्ण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार द इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिफॉर्म्स एंड हायर एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट, गाजियाबाद और उत्तराखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया, जिसका उद्देश्य शिक्षा, समाज सेवा, लोक प्रशासन और आध्यात्मिकता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करना है। डॉ. रमेश सिंह पाल को यह सम्मान उनके उत्कृष्ट आध्यात्मिक लेखन के लिए प्रदान किया गया। मूलतः अल्मोड़ा निवासी डॉ. पाल न केवल कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय हैं, बल्कि आध्यात्मिक साहित्य के क्षेत्र में भी उन्होंने महत्वपूर्ण पहचान बनाई है। उनकी पांच पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं, जिन्हें संसद की लाइब्रेरी, देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों और भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थानों के पुस्तकालयों में स्थान मिला है। डॉ. पाल को पूर्व में भी उनके आध्यात्मिक लेखन के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। वे यूनेस्को की समावेशी नीति प्रयोगशाला के लिए भारत के विशेषज्ञ के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उनकी इस उपलब्धि पर आध्यात्मिक और साहित्यिक जगत से जुड़े लोगों ने हर्ष जताया है और शुभकामनाएं दी हैं।

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