वरिष्ठ साहित्यकार पदम सिंह गुसाईं के निधन पर शोक

रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। मंदाकिनी घाटी में साहित्य सृजन के पुरोधा पद्मसेन कमलेश नाम से विख्यात 90 वर्षीय वरिष्ठ साहित्यकार पदम सिंह गुसांई का मंगलवार शाम निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की गहरी लहर छा गई। एक उत्साही सृजनता के धनी और मानवीय संवेदनाओं को यथार्थ में आत्मसात करने वाले गुसाईं ने शिक्षा विभाग से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद गरीब और मजदूरी कर जीवनयापन करने मजदूर, आर्थिक कमजोर बच्चों को निशुल्क पढ़ाने के लिए ‘नीमा मेमोरियल स्कूल की नींव रखी। इस संस्थान के साथ चंद्र कुंवर बर्त्वाल साहित्य शोध संस्थान की स्थापना और फिर गढ़गुंजन और गढ़गरिमा पत्रिका के प्रकाशन ने उनकी वृहद साहित्यिक सोच को उजागर कर दिया। महान पूर्वजों की स्मृतियों को प्रसारित करने की जनजागृति के लिए चमोली की महान विभूतियां, रुद्रप्रयाग और पौड़ी की महान विभूतियां पर पुस्तक प्रकाशित की। टिहरी और उत्तरकाशी पर भी आपकी पाण्डुलिपी तैयार थी। चन्द्रकुंवर को लगभग भुला चुकी मन्दाकिनी घाटी को इन्होंने फिर से चेताया और कवि गोष्ठी एवं पत्रिका के द्वारा फिर से चन्द्रकुंवर की विस्मृत धारा को नया प्रवाह देकर जीवित कर दिया।