वन दरोगा और वन आरक्षी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज
हरिद्वार। 2009 में हुई मुठभेड़ के बाद सिडकुल पुलिस ने राजाजी राष्ट्रीय पार्क की धोलखंड पूर्वी रेंज चौकी के सेंधल के तत्कालीन वन दरोगा और वन आरक्षी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप लगा है कि घर से बुलाकर वनकर्मी सुलेमान को ले गए और फर्जी मुठभेड़ दिखाकर हत्या कर दी। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मामला वर्ष 2009 के मई माह का है। शिकायतकर्ता साकिब पुत्र सुलेमान निवासी हजारा ग्रंट का कहना है कि वर्ष 2009 में वन दरोगा लिखपत सिंह और वन आरक्षी द्वारका प्रसाद उसके पिता को घर से किसी मामले में पूछताछ के बहाने लेकर गए थे। आरोप है कि कुछ घंटों बाद ही उसके पिता को वन विभाग द्वारा मुठभेड़ दिखाकर गोली मारकर हत्या कर दी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसके पिता की हत्या को मुठभेड़ दिखाने की गरज से फर्जी मुठभेड़ को सही साबित करने के उद्देश्य से रानीपुर कोतवाली में मुख्य रूप से झूठे तत्वों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया। आरोप है कि कोर्ट में पुलिस की ओर से लगाई गई फाइनल रिपोर्ट में दोनों कर्मचारियों ने खुद फर्जी तरीके से गोली मारकर हत्या करने की बात स्वीकार की है। इस मामले को लेकर सिडकुल पुलिस और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी गई, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। अब कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार उनियाल ने बताया कि राजाजी राष्ट्रीय पार्क की घोलखंड पूर्वी रेंल चौकी सैंघल में वन दरोगा रहे लिखपत सिंह और वन आरक्षी द्वारिका प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।