
उत्तरकाशी(आरएनएस)। आगामी फायर सीजन को लेकर वन विभाग उत्तरकाशी ने वनाग्नि सुरक्षा से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली है। वन विभाग ने इस बार फायर सीजन में 143 क्रू स्टेशन बनाकर उनमें उपकरणों समेत स्टाफ की तैनाती कर दी है। इसके साथ ही विभाग ने इस बार फॉरेस्ट फायर एप भी विकसित किया है, जो जंगलों में आग लगने की स्थिति में अलर्ट जारी करता रहेगा। सोमवार को डीएफओ उत्तरकाशी वन प्रभाग डीपी बलूनी ने कोटबंगला स्थित वन चेतना केंद्र में पत्रकार वार्ता कर फायर सीजन की तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी में कुल 86 फीसदी भू-भाग में वन क्षेत्र फैला हुआ है, जहां करीब 90 हजार हेक्टेयर भूमि में चीड़ का जंगल है। उन्होंने कहा कि ज्वलनशील चीड़ के वन क्षेत्र में आग की घटनाओं को रोकना वन विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहती है। वन विभाग सभी इंतजामों के साथ फायर सीजन से निपटने को तैयार है। उत्तरकाशी वन प्रभाग, टिहरी डैम वन प्रभाग, सिविल सोयम, गंगोत्री नेशनल पार्क आदि विभागीय डिविजन मिलजुल कर फायर सीजन में काम करेंगे। 300 रेगुलर कर्मचारी आग बुझाने के लिए तैनात किए गए हैं। बलूनी ने बताया कि इस बार विभाग ने फॉरेस्ट फायर एप को विकसित किया है, जो आग की सूचना देने में काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि यह एप तब तक अलर्ट जारी करता रहेगा जब तक कि टीम घटनास्थल तक नहीं पहुंच जाती। इसके अलावा फायर सीजन की पूर्व तैयारियों को लेकर आगामी 13 फरवरी को मॉक अभ्यास किया जाएगा। वार्ता में उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क हरीश नेगी, डीएफओ टिहरी डैम प्रभाग साक्षी रावत, सिविल सोयम डीएफओ गंगा बुडोला भी उपस्थित रहे।