उत्तरकाशी में भूकंप के झटके

उत्तरकाशी। बागेश्वर के बाद शनिवार को उत्तरकाशी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 आंकी गई। अधिकारियों का कहना है कि भूकंप से किसी भी प्रकार की जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। इधर, भूकंप के झटकों ने यहां लोगों को 1991, 1999 और 2003 के भूंकप की यादें ताज कर दी।
उत्तराखंड में एक दिन पहले बागेश्वर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। शनिवार को धरती फिर डोली और उत्तरकाशी जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि कहीं किसी नुकसान की सूचना नहीं है। उत्तरकाशी में भूकंप आज सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर आया। रिक्टर स्कैल में इसकी तीव्रता 3.3 आंकी गई है। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से निकल गए। दो दिन में दो भूकंप आने से लोगों में दहशत भी है। इससे भूविज्ञानी भी ििचंता में हैं।
1991 के भूकंप ने उत्तरकाशी में जो त्रासदी लाई थी, वह आज भी लोगों के जेहन में है। उस दौरान भूकंप ने कई परिवार और गांव उजाड़ दिए थे। सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौत हुई थी। सडक़, बिजली, पानी जैसी आपदा भी भूकंप साथ लाता था। इस दौरान दुनिया के लोग मदद को आगे आये थे। भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड ज़ोन पांच में स्थित है। इससे पहाड़ का हर जिला बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन तीन में आते हैं।

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