उत्तराखंड के अछूते पर्यटक स्थलों को किया जाए विकसित: राज्यपाल
देहरादून। पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने राज्य के अछूते पर्यटक स्थलों को विकसित किए जाने पर जोर दिया। कहा कि ऐसे पर्यटक स्थलों के व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। राज्य में पर्यटन, वेलनेस और जैविक खेती की असीमित संभावनाओं पर काम किया जाए।
राजभवन में हुई बैठक में कहा कि हमें वर्तमान की जरूरतों के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं और यहां के पर्यटन स्थलों को विकसित करना होगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उत्तराखंड में पर्यटन, वेलनेस, प्राकृतिक और जैविक खेती के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। योग और आयुर्वेद के लिए देश और दुनिया के लोग यहां आ रहे हैं। इन्हें पर्यटन के साथ जोड़ने की जरूरत है। कहा कि चारधाम, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे आध्यात्मिक तीर्थ स्थलों के साथ साथ साहसिक पर्यटन की बेहतर संभावनाओं को और अधिक विकसित किया जाए। औली में स्कीइंग को प्रोत्साहित किए जाने विशेष प्रयास किए जाएं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि धार्मिक और आध्यात्मिक सर्किट विकसित किए जा रहे हैं। शक्ति सर्किट, नवरात्रि सर्किट, शैव सर्किट, वैष्णव सर्किट, विवेकानंद सर्किट को विकसित किया जा रहा है। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद युगल किशोर पंत ने बताया कि कुमाऊं में मानसखंड मंदिर माला मिशन में कुल 48 मंदिरों में काम किए जाएंगे। पहले चरण में 16 मंदिरों को चुना गया है। रोप-वे के माध्यम से भी पर्यटकों को सुविधाएं दी जा रही हैं। मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट पार्क को विकसित किया जा रहा है। स्वरोजगार से संम्बन्धित योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना और दीन दयाल होम स्टे योजनाओं में कई लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। बैठक में सचिव रविनाथ रामन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूकाडा सी रविशंकर आदि मौजूद रहे।