उपनल मामले में एसएलपी की तैयारी भाजपा का असली चेहरा: धस्माना

देहरादून(आरएनएस)।  कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्षक सूर्यकांत धस्माना ने उपनल कर्मचारियों के नियमितिकरण मामले में सरकार के सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने की तैयारी का विरोध किया। कहा कि इससे भाजपा का असल कर्मचारी विरोधी चेहरा भी सामने आ चुका है। धस्माना ने कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल ने छह वर्ष पूर्व एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार को उपनल कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया। उसी वक्त राज्य की भाजपा सरकार को इस मसले पर कर्मचारियों के हित में नीति बना कर उनको समायोजित करना चाहिए था। सरकार उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय चली गई। अब जब सरकार की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई तो एक बार फिर उत्तराखंड की भाजपा सरकार कर्मचारियों के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल करने जा रही है। इससे भारतीय जनता पार्टी का कर्मचारी विरोधी असली चेहरा बेनकाब हो गया है। कहा कि राज्य में 22 हजार से अधिक उपनल कर्मचारी हैं। इनमें से अधिकांश को दस से लेकर बीस वर्ष तक का समय उपनल कर्मचारी के रूप में सेवा योगदान करते हुए हो गया है। नियमित होने के इंतजार में इतना लंबा समय सेवा देने के बाद भी सरकार उनको नियमित करने में बाधा डाल रही है। इससे सरकार और भाजपा की नियत का साफ पता चल रहा है।
धस्माना ने कहा कि आज राज्य के अधिकांश विभाग उपनल कर्मचारियों के भरोसे ही चल रहे हैं। इन्हें नियमित कर्मचारियों के वेतन से आधे से भी कम वेतन मिल रहा है। इन कर्मचारियों के प्रति सरकार व सत्ताधारी भाजपा का रुख निंदनीय है। कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से कर्मचारियों के साथ खड़ी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से जल्द मुलाकात की जाएगी।


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