उपनल कर्मचारियों को नियमित नहीं करने का आरोप

हरिद्वार(आरएनएस)। उपनल कर्मचारी महासंघ हरिद्वार ने राज्य सरकार पर उपनल कर्मचारियों को सरकार की तरफ से नियमित होने वाले कर्मचारियों की सूची में शामिल नहीं करने का आरोप लगाया है। साथ ही प्रदेश स्तर पर उपनल संयुक्त मोर्चा ने राज्य सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। महासंघ हरिद्वार ने राज्य सरकार से नियमावली में उपनल के कर्मचारियों को भी सम्मिलित करने की मांग की है। रविवार को उपनल कर्मचारी महासंघ हरिद्वार के जिलाध्यक्ष योगेंद्र बड़ोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार कुछ विभागों में संविदा, अंशकालिक और दैनिक वेतन कर्मचारी को हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार बहाल नियमावली के तहत नियमितीकरण करने जा रही है। हाई कोर्ट के आदेश में एक उपनल कार्मिक भी शामिल हैं। यह भी स्पष्ट है कि वर्ष 2003 में संविदा, अंशकालिक और दैनिक वेतन कार्मिकों की नियुक्ति नहीं किए जाने के लिए शासनादेश निर्गत किया गया है। वर्ष 2006 में भी इसी प्रकार से नियुक्ति नहीं किए जाने के लिए शासनादेश जारी किया गया है। राज्य सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार ही सभी संविदा, अंशकालिक और दैनिक वेतन नियुक्तियां बंद की गई थी। साथ ही यह आदेश निर्गत किए गए थे कि उपनल के माध्यम से ही राज्य में सभी विभागों में कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। राज्य सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि अपने ही आदेशों के विपरीत जाकर क्यों इस प्रकार से उपनल कर्मचारियों के साथ पक्षपात करते हुए एक तरफा निर्णय लेने का कार्य सरकार कर रही है। क्यों उपनल के कर्मचारियों को शामिल नहीं किया जा रहा है। उपनल कर्चारियों को नियमित नहीं करने पर महासंघ विरोध प्रदर्शन करेगा। वर्षों से उपनल कर्मचारी न्यूनतम वेतन में कार्य करते आ रहे हैं। इस प्रकार के पक्षपात से बड़े हताश और निराशा है।


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