उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के मतों की गिनती आज

देहरादून: 10 मार्च को उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आएंगे। इस दिन वोटों की गिनती के साथ ही फैसला हो जाएगा कि कौन सी पार्टी किस राज्य में सरकार बना रही है। जीत-हार के बीच एक सवाल आपके मन में उठता होगा कि आखिर बूथ पर जिस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईटीएम के जरिए वोटर अपना वोट देते हैं, उसकी काउंटिंग कैसे होती होगी? इस खबर में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे कि EVM से वोटों की गिनती कैसे होती है और इसके क्या नियम हैं?

मतगणना में तैनात होने वाले कर्मचारियों को मतगणना से संबंधित प्रशिक्षण पूर्व में दिया जाता है। इन कर्मचारियों की तैनाती किस विधानसभा सीट और किस टेबल पर होनी है, यह मतगणना दिवस के दिन ही पता चलता है। जिला निर्वाचन अधिकारी मतगणना दिवस के दिन सुबह पांच बजे मतगणना कर्मियों की तैनाती के लिए रेंडमाइजेशन कंप्यूटर के जरिये करते हैं। जिसके बाद सुबह छह बजे मतगणना कर्मी मतगणना स्थल पर पहुंच जाते हैं. जिसके बाद उन्हें अपनी टेबल की जानकारी मिलती है।

मतगणना के दिन सुबह छह बजे तक मतगणना केंद्र के भीतर मतगणना कर्मचारी, विभिन्न दलों के अभिकर्ता को प्रवेश दिया जाता है। अभिकर्ताओं को मतगणना स्थल तक पहुंचने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी से प्रवेश कार्ड बनाने होते हैं। मतगणना की टेबल के निकट अभिकर्ताओं के बैठने की व्यवस्था की जाती है। इस क्षेत्र में मतगणना अधिकारी कर्मचारियों और अभिकर्ताओं को फोन, कैमरा सहित अन्य प्रतिबंधित सामग्री वर्जित होती है  काउंटिंग से पहले EVM को मतगणना केंद्र पर स्ट्रॉन्ग रूम से कड़ी सुरक्षा के बीच लाया जाता है। स्ट्रॉन्ग रूम वो जगह होती है जहां वोटिंग के बाद EVM को रखा जाता है।

मतगणना दिवस पर सुबह 8 बजे मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। इस प्रक्रिया में सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होती है। संबंधित विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी पोस्टल बैलेट को संबंधित विधानसभा की मतगणना टेबल तक भेजते हैं। इसलिए सबसे पहले पोस्टल बैलेट मतों का परिणाम जारी होता है। भले ही पोस्टल बैलेट की गिनती उस स्थिति में दोबारा करवाई जाती है, जब किसी प्रत्याशी की जीत और हार में पोस्टल बैलेट के मत महत्वपूर्ण हो रहे हों।

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