कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया शोक व्यक्त

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड सरकार में कैबिनेट मंत्री  चंदन राम दास जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय चंदन राम दास एक लोकप्रिय एवं मृदुभाषी जनप्रतिनिधि के साथ-साथ एक कुशल प्रशासक थे। उनका निधन हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों की प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।

सीएम धामी ने किया शोक व्यक्त
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा मंत्रिमंडल में हमारे वरिष्ठ साथी  चंदन राम दास जी का निधन पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने समाज में गरीबों, शोषितों, पिछड़ों के लिए और आम आदमी की भलाई के लिए संपूर्ण जीवन कार्य किया। वे एक संघर्षशील नेता थे। उन्होंने हमेशा समाज के अंतिम छोर में खड़े लोगों की आवाज को उठाने और समाधान की ओर ले जाने का कार्य किया। उनका सरल, सहज एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व था।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा को सभी प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों एवं शुभचिंतकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

हमेशा खलती रहेगी उनकी कमी : महाराज
प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड सरकार में अपने सहयोगी कैबिनेट मंत्री, बागेश्वर विधानसभा से विधायक चन्दन राम दास के आकस्मिक निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।  महाराज ने कहा कि कैबिनेट मंत्री, बागेश्वर विधानसभा से विधायक चन्दन राम दास पिछले कुछ समय से एनीमिया और शुगर की बीमारी से ग्रस्त थे लेकिन उसके बावजूद भी उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा था। अचानक इस तरह से उनका हमें छोड़ कर चले जाना हम सभी को स्तब्ध कर रहा है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। महाराज ने कहा कि कैबिनेट मंत्री, बागेश्वर विधायक चन्दन राम दास विशाल व्यक्तित्व के धनी होने के साथ-साथ अपने समाज, क्षेत्र और पूरे उत्तराखंड के लिए कार्य करते थे। उनका इस तरह अकस्मात चले जाना हम सभी के लिए बहुत ही दुखद है। उनका अभाव हमेशा खलता रहेगा, इसकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं है।


Exit mobile version