टायफायड और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा

विकासनगर(आरएनएस)।  उप जिला चिकित्सालय में इन दिनों टायफायड के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बीमारी का प्रकोप अधिक नहीं फैला है। बावजूद इसके हर दिन टायफायड के संदिग्ध लक्षण वाले 10 से 15 मरीज आ रहे हैं, जिन्हें उपचार दिया जा रहा है। इसके साथ ही सबसे अधिक मरीज वायरल फीवर से ग्रसित उपचार के लिए आ रहे हैं। मौसम का बदलाव कहें या फिर दूषित पेयजल का प्रयोग, लेकिन अस्पतालों में वायरल व टायफायड के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। उप जिला चिकित्सालय समेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों हर दिन टायफायड के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीज पहुंच रहे हैं। अस्पताल के ओपीडी पंजीकरण के अनुसार बीते एक सप्ताह में ऐसे 80 मरीज उपचार के लिए आ चुके हैं। हालांकि चिकित्सको ने बताया कि इनमें से अधिकांश मरीज अब स्वस्थ हो चुके हैं, फिर भी अस्पताल में आने वाले हर मरीज को टायफायड के लक्षणों की जानकारी दी जा रही है, जिससे मरीज में लक्षण दिखने पर वह जल्द चिकित्सक से उपचार शुरू करा सकें। वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में भी इन दिनों इजाफा हुआ है। उप जिला चिकत्सालय के साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हर दिन सौ से अधिक मरीज वायरल फीवर का उपचार कराने के लिए आ रहे हैं। उप जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. टीएस डुंगरियाल के अनुसार दूषित पानी के प्रयोग की वजह से वायरल फीवर व टायफायड के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ रही है। उधर, सीएमएस डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि वायरल फीवर और टायफायड के प्रकोप को रोकने के लिए जल संस्थान को पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए पत्र भेजा गया है। इसके साथ ही अस्पताल में आने वाले मरीजों को भी उचित सलाह दी जा रही है।

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