दोपहिया वाहनों की कीमत कम होने के आसार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने माना कि दोपहिया वाहन कोई लग्जरी का सामान नहीं है और इसलिए इसकी जीएसटी दर में संशोधन किया जा सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत के साथ बातचीत के दौरान ऐसे संकेत दिये हैं।
सीआईआई द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, जो वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भी जारी किया गया था, सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल द्वारा एक दर संशोधन प्रस्ताव लाया जाएगा। बयान में कहा गया है, कि दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरों को कम करने की आवश्यकता के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, उन्होंने आश्वासन दिया कि यह वास्तव में एक अच्छा सुझाव है क्योंकि यह श्रेणी न तो लक्जरी है और न ही सिन गुड है और इसलिए इसके दर में संशोधन किया जा सकता है। बयान में कहा गया है कि सीतारमण ने कहा कि यह मामला 27 अगस्त को जीएसटी काउंसिल में उठाया जाएगा। पिछले साल देश की सबसे बड़ी दोपहिया निर्माता हीरो मोटोकॉर्प ने सरकार से इस सेगमेंट पर जीएसटी में एक चरणबद्ध तरीके से कमी पर विचार करने का आग्रह किया था, जिसकी शुरुआत 150cc बाइक्स को 18 प्रतिशत के स्लैब में लाकर करने से हो। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साथी रजत मोहन ने कहा कि मोटरसाइकिल, मोपेड और सहायक मोटर से लैस साइकिल पर 28 फीसदी जीएसटी लगाई जाती है जो कि उच्चतम ब्रैकेट के तहत आता है। उन्होंने कहा कि भारत में लाखों मध्यम-आय वर्ग के परिवारों के परिवहन के लिए दो-पहिया वाहन एक बुनियादी आवश्यकता है, जिसकी बराबरी तम्बाकू, सिगार, रिवाल्वर, और पिस्तौल जैसे सिन गुड्स और रेसिंग कारों, निजी विमान, नौकाओं, खेल पोत, और नौकायन नाव जैसे लग्जरी सामानों से की जाती है।


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