विश्व तंबाकू निषेध दिवस- तंबाकू सेवन करने वालों में कोरोना का जोखिम 50 प्रतिशत ज्यादा: डा. खंडूरी

ऋषिकेश। धूम्रपान करने वालों में कोरोना की गंभीरता और इससे मौत का जोखिम 50 प्रतिशत तक ज्यादा होता है, इसलिए कोरोना वायरस के जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ देने में ही भलाई है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट की वरिष्ठ छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ डा. राखी खंडूरी ने यह सलाह दी है। डा. खंडूरी ने बताया की तंबाकू के सेवन की वजह से कैंसर, दिल की बीमारी और सांस की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है। तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों के लिए कोविड-19 के अधिक घातक होने की बड़ी वजह यही है कि उनका शरीर वायरस के हमले का प्रतिरोध नहीं कर पाता। तंबाकू सेवन केवल आपके फेफड़ों की परत को नष्ट नहीं करता, बल्कि इसे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है। साथ ही संक्रमण के दौरान आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को भी बाधित करता है। सिगरेट के धुएं का हर कश आपके फेफड़ों में सात हजार गुना से अधिक रसायन पहुंचाता है। अब कल्पना करें कि कोविड-19 संक्रमण होने की स्थिति में क्या होता होगा। तंबाकू प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है, इसका अर्थ है कि रोगी संक्रमण से लडऩे में कम सक्षम होते हैं। डा. खंडूरी ने बताया कि स्मोकलेस तंबाकू जो कि गुटका, पान, खैनी व अन्य तरीकों के द्वारा उपयोग किया जाता है, उससे बार-बार थूकना पड़ता है। इस तरह थूकने से कोरोना वायरस आसपास फैलने का खतरा ज्यादा होता है। तंबाकू छोडऩे से आपकी त्वचा में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है, जिससे उस क्षेत्र में पहुंचने वाले ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
हमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट की डा. राखी खंडूरी ने बताया कि जब कोई तंबाकू का सेवन छोडऩे का फैसला करता है, तो सबसे पहले आपको इस बात के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए और इस पर टिके रहना चाहिए कि आपको तंबाकू से मुक्ति पानी है। ऐसे में आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति आपकी मददगार रहेगी। इच्छाशक्ति जितनी मजबूत होगी, लक्ष्य तक पहुंचना उतना ही आसान होगा। अपना निर्णय न बदलें और दृढ़ता से इस पर कायम रहें।