तहसील दिवस में सुनी जनसमस्याएं, सखी बाजार का हुआ शुभारंभ

अल्मोड़ा। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने मंगलवार को रानीखेत तहसील में आयोजित तहसील दिवस के दौरान क्षेत्रवासियों की समस्याएं सुनीं और उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। तहसील परिसर में आयोजित इस जनसुनवाई कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया और भूमि, सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेंशन एवं राजस्व से जुड़ी अपनी समस्याएं रखीं। तहसील दिवस में कुल 51 शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से अधिकांश का समाधान मौके पर ही कर दिया गया। शेष शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु जिलाधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित मामलों का समाधान 15 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं तहसील दिवसों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, ऐसे में अधिकारी किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरतें। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि जनसमस्याओं को केवल कागजों में नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से समझते हुए गंभीरता से निस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता आम जनता को राहत पहुंचाने की है और इस दिशा में सभी विभागों को संवेदनशीलता के साथ काम करना होगा। तहसील दिवस में प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत राहुल आनंद, तहसीलदार दीपिका आर्य, मुख्य शिक्षा अधिकारी अत्रेश सयाना, जिला विकास अधिकारी एस.के. पंत सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। इसी अवसर पर ताड़ीखेत बाजार में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘सखी बाजार’ का शुभारंभ भी किया गया। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय और क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रमोद नैनवाल ने संयुक्त रूप से इस बाजार का उद्घाटन किया, जिसे संयुक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनंद की पहल पर शुरू किया गया है। सखी बाजार में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए एक स्थायी और उपयुक्त मंच प्रदान किया गया है। यहां महिलाएं स्थानीय उत्पाद, फल, सब्जियां एवं हस्तशिल्प सामग्रियों का विक्रय स्वयं करेंगी। संयुक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनंद ने जानकारी दी कि ताड़ीखेत विकासखंड के अंतर्गत प्रारंभिक चरण में तीन स्थानों पर ऐसे बाजारों की स्थापना की जा रही है, जिनमें पहला केंद्र ताड़ीखेत बाजार में शुरू हो चुका है। भविष्य में इसकी सफलता के आधार पर अन्य स्थानों पर भी ऐसे बाजार विकसित किए जाएंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सके।

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