सिमली में समुद्र मंथन देखने के लिए उमड़ी भीड़

चमोली(आरएनएस)।   राजराजेश्वरी चंडिका देवी की बन्याथ यात्रा के दौरान सिमली में मंगलवार को समुद्र मंथन महोत्सव का आयोजन किया गया। समुद्र मंथन देखने के लिए गैरोली, सिमली, सेनू, सुदरगांव, जाख, कोली और पुडियाणी, कर्णप्रयाग, चमोला, बणगांव, मज्याड़ी, आदिबदरी, देहरादून सहित राड़खी पिंडरघाटी व गैरसेंण क्षेत्र से हजारों लोग सिमली पहुंचे। इस दौरान सिमली में औद्योगिक क्षेत्र परिसर से पैट्रोल पंप तक दिन भर वाहनों का जाम लगता रहा। मंदिर समिति द्वारा समुद्र मंथन की बेतरीन तैयारियां की गई थी। चंडिका देवी समुद्र मंथन के लिए सोमवार को सिमली पहुंची थी। लोगों ने पुष्प वर्षा के साथ देवी का भव्य स्वागत किया। समुद्र मंथन देखने पहुंचे हजारों लोगों ने देवताओं और दैत्यों का अमृत पीने के लिए हुआ संर्घष देखा। समुद्र मंथन का आयोजन आकर्षण रूप में किया गया था, जिसमें देवी चंडिका की पूजा और आराधना की गई। आयोजन के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने देवी चंडिका के पुण्य दर्शन किए और उनकी पूजा की। समुद्र मंथन का आयोजन एक अद्वितीय अनुभव था और भक्तों को देवी चंडिका के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया। चंडिका देवी मंदिर समिति सिमली के अध्यक्ष हेमंत टकोला ने बताया कि देवी की बन्याथ यात्रा सिमली मंदिर से सात सितंबर को शुरू हुई थी। इस बार यात्रा 14 साल बाद आयोजित हुई।
देवी दस माह तक चमोली, रुद्रप्रयाग, पौडी, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों का पैदल भ्रमण कर ग्रामवासियों व ध्याणियों को आशीर्वाद देती हैं। सिमली में पिंडर नदी किनारे सिद्धपीठ मां चंडिका देवी का प्राचीन मंदिर है। यहां भगवान विष्णु से संबधित प्रतिमाएं हैं। भगवान विष्णु यहां चतुर्भुज रूप में शंख चक्र धारण किए हुए हैं। मंदिर में भगवान विष्णु वाराह अवतार, नृसिंह अवतार और बैकुंठ स्वरूप में स्थित है। यात्रा में मुख्य रूप से सिमली, सेनू, सुदरगांव, जाख, कोली और पुडियाणी के ग्रामीण सेवा देते हैं। जबकि गैरोली गांव के लोग पूजा-पाठ करते हैं। भ्रमण के दौरान देवी उत्तरकाशी में शक्तिपीठ मंदिर और बाबा विश्वनाथ मंदिर भी जाएंगी।

error: Share this page as it is...!!!!