शीतकाल के लिए तुंगनाथ मंदिर की सीमाओं पर की गई घेरबाड़

रुद्रप्रयाग(आरएनएस)।  हिमालय में सबसे ऊंचाई व चन्द्र शिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने के बाद तुंगनाथ मंदिर की सुरक्षा व स्वच्छता की दृष्टि से मन्दिर परिसर, अतिथि गृह व अधिकारियों कर्मचारी आवासों की सीमाओं की घेर बाड़ की गई है। ताकि शीतकाल में चन्द्र शिला जाने वाले पर्यटक, सैलानी व प्रकृति प्रेमी मन्दिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सके। बदरी-केदार मन्दिर समिति द्वारा शीतकाल में पर्यटकों, सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों के लिए मन्दिर परिसर में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी गई है। जानकारी देते हुए तुंगनाथ प्रबंधक बलवीर नेगी ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के कपाट बीते 4 नवंबर को परम्परा के अनुसार शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए हैं। जबकि 7 नवंबर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान हो चुकी है। उन्होंने बताया कि शीतकाल में बर्फबारी का आनन्द लेने व प्रकृति की हसीन वादियों से अति निकट से रूबरू होने के लिए पर्यटकों, सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही चन्द्र शिला शिखर तक जारी रहती है।


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