क्रिस्टल एविएशन की सेवाओं पर जांच होने तक लगी रोक

रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। केदारघाटी के बड़ासू में हुई हेली दुर्घटना की जांच के लिए आई राज्य नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की टीम वापस दिल्ली लौट गई है। इस दौरान टीम में सभी आठ हेली कंपनियों की जांच की किंतु विशेष रूप से क्रिस्टल एविएशन पर गंभीरता से जांच की गई। फिलहाल जांच पूरी होने तक क्रिस्टल एविएशन की सेवाओं पर रोक लगाई गई है जबकि टीम दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का ब्लैक बाक्स लेकर वापस लौट गई है। बताते चलें कि बीती 7 जून को दोपहर 1 बजे बड़ासू के पास क्रिस्टल एविएशन के हेलीकॉप्टर ने अपने बेस से 5 यात्रियों को सवार कर जैसे ही केदारनाथ धाम के लिए टेक ऑफ किया तो अचानक से ही हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई और वह नीचे सड़क पर गिर गया। हालांकि इसे आपातकालीन लैंडिंग कहा जा रहा है किंतु मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीसीए के चीफ आरएस यादव के नेतृत्व में 5 सदस्यीय डीजीसीए की टीम जांच के लिए केदारघाटी पहुंची। बीते दो दिनों के भीतर टीम ने सभी आठ हेली सेवाओं की विभिन्न जांच की। इसमें उड़ान की ऊंचाई, हेलीकॉप्टर पायलेट के लाइसेंस, लॉग बुक सहित कई मानक चेक किए। जिला पर्यटन अधिकारी एवं हेली नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि डीजीसीए की टीम दुर्घटनाग्रस्त हेली के विभिन्न कारणों की जांच कर रही है। टीम दिल्ली लौट गई है। बताया कि क्रिस्टल एविएशन की सेवाओं को जांच पूरी होने पर रोक दिया गया है। वहीं दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का ब्लैक बाक्स भी टीम जांच के लिए गई है। पायलेट की भी लॉग बुक चेक की गई है। उन्होंने बताया कि अब शटल के लिए नया रोस्टर जारी किया गया है जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए तीन दिन में कितनी उड़ान भर सकते हैं यह भी तय किया गया। उन्होंने बताया कि अब हर घंटे में गुप्तकाशी सेक्टर से 2 शटल, फाटा से 3 शटल और शेरसी से 4 शटल ही अनिवार्य रूप से उड़ान भरी जाएगी। जबकि अभी तक नियम से हटकर उड़ाने भरी जा रही थी। इधर, जांच पूरी होने पर क्रिस्टल एविएशन की सेवाएं पूरी तरह निरस्त होने की भी संभावनाएं जताई जा रही है।