शहीद खड़ग बहादुर बिष्ट का स्मारक बनाने की मांग

देहरादून। जनकवि डा. अतुल शर्मा ने दून में डांडी यात्रा निकालकर नमक कानून तोड़ने वाले अभियान का नेतृत्व करने वाले स्वाधीनता सेनानी शहीद खड्ग बहादुर बिष्ट का स्मारक बनाने की मांग की है। खड्क बहादुर बिष्ट ने दून स्थित नून नदी में बहुत से स्वाधीनता सेनानियों के साथ मिलकर नमक बनाया था।
डा. शर्मा के मुताबिक खडग बहादुर के जीवन की एक घटना ने उनके जीवन को बदल दिया। यह उल्लेख भक्तदर्शन की पुस्तक गढवाल की दिवंगत विभूतियों में भी है। स्वाधीनता सेनानी कवि श्रीराम शर्मा प्रेम ने साप्ताहिक हिंदुस्तान में इस घटना पर लेख भी लिखा था। जिसके मुताबिक कोलकाता के सेठ हीरा लाल अनाचार करने पर खड्ग बहादुर ने कोलकाता जाकर अपनी खुखरी से सेठ की गर्दन उड़ा दी। उन्होंने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। उन्हें सजा हुई। लोगों ने दबाव डाला तो कुछ सजा भुगतने के बाद उन्हे रिहा कर दिया गया। वे देहरादून स्थित आठ नम्बर ग्रांट (अब नेहरूग्राम) के निवासी थे। यहां से उन्होंने गांधी जी को अपने खून से एक पत्र लिखा कि वे डांडी मार्च मे शामिल होना चाहते हैं, पर उन्हे खुखरी चलानी आती है चर्खा चलाना नहीं। गांधी जी ने उन्हे डांडी यात्रा में शामिल होने के लिये बुला लिया। इसके बाद वे स्वाधीनता संग्राम में कूद पडे। बहुत बार जेल गये। अरुणा आसाफ अली के साथ भी रहे। नेहरूग्राम में उनके नाम की सड़क है। उनके नाम से दून में फुटबाल टूर्नामेंट भी होता है। लेकिन उनका दून में कोई स्मारक नहीं है। अनेक इतिहासकारों ने उन पर लिखा है।


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