ऋषिकेश रोडवेज ने 47 वाहनों के परमिट किए सरेंडर

ऋषिकेश। कोरोना संकट का सर्वाधिक असर परिवहन व्यवस्था पर पड़ा है। 50 प्रतिशत सवारियां भी नहीं मिलने पर ऋषिकेश रोडवेज डिपो ने 47 वाहनों के परमिट एआरटीओ को सरेंडर कर दिए हैं। ताकि प्रतिमाह अदा होने वाला करीब 4 लाख का टैक्स बचाकर घाटे को कम किया जा सके।दूसरे चरण के अनलॉक में प्रदेश सरकार ने बीते चार महीने से बंद रोडवेज परिवहन सेवा को 1 जुलाई से सशर्त संचालन की अनुमति दी। यानी कि वाहन में सिर्फ 50 प्रतिशत सवारियां बैठेंगी। लिहाजा ऋषिकेश रोडवेज डिपो ने भी देहरादून, हरिद्वार, बदरीनाथ, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी रूट पर नियमित सेवा शुरू की। परिवहन सेवा शुरू तो हुई लेकिन सवारी नहीं आ रहीं। 38 से 42 सीटर बस में 5 से 7 सवारियों को ढोना पड़ रहा है। सीट की क्षमता के अनुसार आधी सवारियां भी नहीं मिल रही। मेंटीनेंस, ईंधन का खर्च भी नहीं निकल रहा। जबकि रोड टैक्स प्रतिमाह जमा करना पड़ता है, जो लाखों में है। घाटे को कम करने के लिए ऋषिकेश रोडवेज डिपो ने बेड़े में शामिल 70 वाहनों में से 47 वाहनों के परमिट सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय को सुपुर्द कर दिए हैं। जिसमें 30 वाहन निगम के और 17 अनुबंधित वाहन हैं। डिपो के सहायक महाप्रबंधक पीके भारती ने बताया कि मुख्यालय के आदेश पर परमिट सरेंडर करने की कार्रवाई की गई है। उन्होंने इसकी वजह सवारियों में कमी होना बताया है।कल निशुल्क सफर करेंगी बहनेंऋषिकेश। रक्षाबंधन पर बहनें रोडवेज डिपो की बसों में निशुल्क सफर करेंगी। प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी प्रदेश सरकार ने बहनों को रक्षाबंधन का तोहफा दिया है। सहायक महाप्रबंधक ने बताया कि सोमवार को रक्षाबंधन के दिन शहर से बाहर हरिद्वार, देहरादून भाई के पास जाने के लिए रोडवेज बसों में बहनों के लिए सफर निशुल्क रहेगा। ऋषिकेश रोडवेज बस अड्डे में सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक वाहनों की व्यवस्था रहेगी।