ऋषिकेश में सशक्त भू-कानून को लेकर निकाली महारैली

ऋषिकेश(आरएनएस)। उत्तराखंड में एक बार फिर भूमि कानून के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। तीर्थनगरी में सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर रविवार को महारैली निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। जुलूस में युवाओं और महिलाओं की संख्या अधिक रही। आईडीपीएल हॉकी मैदान से निकली महारैली विभिन्न मार्गों से होकर त्रिवेणीघाट पर संपन्न हुई। रैली में शामिल लोगों में जबरदस्त उत्साह दिखा। तीन किलोमीटर की दूरी तय करने में रैली को डेढ़ घंटे का समय लगा। मूल निवास और भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर रविवार को सुबह 10 बजे से आईडीपीएल हॉकी मैदान में लोग एकत्रित होने लगे। करीब 11 बजे तक मैदान लोगों से भर गया। रैली में महिलाएं उत्तराखंडी पारंपरिक पोशाक पहनकर भी पहुंची थी। करीब 11 बजकर 40 मिनट पर आईडीपीएल मैदान से ढोल-नगाड़ों के बीच रैली निकली। जो सिटी गेट, हरिद्वार मार्ग, कोयलघाटी, लोनिवि तिराहा होकर त्रिवेणीघाट पहुंची। रैली में युवा और महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंची। करीब डेढ़ घंटे में रैली आईडीपीएल से तीन किलोमीटर की दूरी तय कर त्रिवेणीघाट पहुंची। जहां सभा आयोजित की गई। संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि यह राज्य के मूल निवासियों के अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ाई है। उनके संसाधनों और रोजगार को सुरक्षित करने की मुहिम है। अभी तक इन मुद्दों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। इसलिये वह इस अभियान में शामिल होकर अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं। राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपने राज्य की जरूरतों के हिसाब से भू-कानून तैयार करे। भू-कानून में राज्य में सभी प्रकार की कृषि एवं बागवानी की भूमि की खरीद फरोख्त और लीज पर देने की प्रक्रिया पर पूर्णत: रोक लगनी चाहिए। इसके अलावा कृषि एवं बागवानी की भूमि के भू उपयोग परिवर्तन पर भी स्थायी रूप से रोक लगे। समिति महासचिव प्रांचल नौड़ियाल ने कहा कि महारैली से सरकार को भी सशक्त भू-कानून और मूल निवास लागू करने का मजबूत संदेश गया है। रैली में बड़ी संख्या में शामिल होकर लोगों ने साफ संदेश दिया है कि अब राज्य की जनता खामोश रहने वाली नहीं है। समाजसेवी कुसुम जोशी ने कहा कि वर्तमान में भू-कानून के मुद्दे पर उत्तराखंडी जनमानस में बेचैनी व्याप्त है। मुख्य चिंता भू-माफिया द्वारा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि को बड़े पैमाने पर सस्ते में खरीदकर व्यवसाय के नाम पर हथियाने की है। इन जमीनों पर कोई व्यवसाय तो खड़ा नहीं हुआ, लेकिन जमीन कृषक के हाथ से निकल गई। रैली में पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, निर्मला बिजल्वाण, हिमांशु बिजल्वाण, ऊषा डोभाल, एलपी रतूड़ी, मोहन सिंह रावत, शशि रावत समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।