बैजनाथ मंदिर में प्राचीन गोल शिला तोड़े जाने पर भडक़े क्षेत्रवासी

बागेश्वर। बैजनाथ धाम परिसर में गुरुवार सुबह प्राचीन गोल शिला टूटी मिली। इससे लोगों का गुस्सा भडक़ उठा है। उन्होंने सदियों से लोगों की आस्था के प्रतीक रही गोल शिला को तोडऩे वालों की पहचान कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। विभिन्न संगठनों की मांग के बाद गुरुवार को तहसीलदार और थानाध्यक्ष ने मौका मुआयना कर टूटा हुआ पत्थर देखा। जल्द ही इसके टूटने की जांच करने की बात कही। लोगों का मानना है कि उक्त शिला पांडव भीम की गैंद थी। बैजनाथ धाम में सदियों से मंदिर परिसर में एक गोल शिला थी। जिसे भीम की गेंद के नाम से जाना जाता है। यहां आने वाले लोग इस पत्थर को उठाने का प्रयास करते थे। स्थानीय, देशी व विदेशी सैलानी मंदिर दर्शन के बाद इस शिला को उठाने की कोशिश जरूर करते। पांच अगस्त को शिला अपने स्थान पर टूटी पाई गई। जिसके जानकारी होते ही हिंदूवादी संगठनों सहित भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भी रोष पनप गया। लोगों ने कहा कि यह पत्थर बैजनाथ धाम की धरोहर थी। जिसका इस प्रकार टूटना दुखद है। लोगों ने इसके लिए पुरातत्व विभाग और प्रशासन को भी जिम्मेदार माना। एसडीएम को विभिन्न संगठनों ने ज्ञापन देकर तत्काल इस मामले की जांच करने की मांग की। गुरुवार की सुबह तहसीलदार तितिक्षा जोशी और थानाध्यक्ष पंकज जोशी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पत्थर का देखा। पुजारी पूरन गिरी गोस्वामी ने उन्हें बताया कि यह पत्थर करीब 1100 सौ साल पुराना है। जो यहां आने वालों के आकर्षक का केंद्र रहा है। उन्होंने इसके टूटने के कारणों की जांच करने को कहा। अगर पत्थर को तोडऩे में किसी का हाथ मिला तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। तहसीलदार जोशी ने मामले की जांच करने और पत्थर टूटने का जल्द पता लगाने का आश्वासन दिया। इधर थानाध्यक्ष पंकज जोशी ने कहा कि अगर मामले में किसी असामाजिक तत्व का हाथ हुआ तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!