
अल्मोड़ा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट सेंटर की ओर से कुमाऊॅ विश्वविद्यालय नैनीताल में शोध प्रविधि पाठयक्रम का पुनश्चर्या कार्यक्रम आयोजित हो गया है। जिसमें देशभर के विभिन्न ख्यातिलब्ध विश्वविद्यालयों से जुड़े 28 प्राध्यापक शोध विधियों एवं तकनीकी के बारे में जानकारी हासिल कर रहे है।
यह शोध प्रविधि पाठ्यक्रम कुमाऊॅ विवि के शिक्षा संकाय की संकायाध्यक्ष व शिक्षाविद् प्रो विजयारानी ढ़ौंडियाल ने निर्देशन में आॅनलाईन मोड में संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र डीवाई पाटिल विवि के कुलपति प्रो राकेश मुद्गल के द्वारा शोध के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अनुसंधान के द्वारा मौलिक प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास किया जाना चाहिए। जिसमें मानवीय प्रयास महत्वपूर्ण होता है। इन प्रयासों में तथ्य को ध्यान में रखा जाना चाहिए, कि परिणामों का व्यापक प्रयोग मानवहित में होना है। तकनीकी सत्र में बाबा भीमराव अंबेडकर विवि के संकायाध्यक्ष प्रो एके झा के द्वारा गुणात्मक शोध के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानवीय व्यवहार को बनाए गए प्रश्नावली से आंकना सही नहीं है। व्यवहारों के अध्ययन में शोध की गुणात्मक प्रविधियों को समझना भी आवश्यकीय है। इस मौके पर एचआरडीसी के निदेशक प्रो बीएल साह, सहायक निदेशक प्रो दिव्या उपाध्याय जोशी ने भी विचार रखे। कार्यक्रम समन्वयक प्रो ढौंडियाल ने 12 दिवसीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा को प्रस्तुत किया संचालन सहायक निदेशक रितेश साह ने किया।