विश्व धरोहर रम्मान आयोजन देखने 27 को पहुंचेंगे सीएम

चमोली। जोशीमठ के सलूड डुंग्रा गांव में अप्रैल माह में भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर आयोजित होने वाली विश्व धरोहर रम्माण के आयोजन को देखने इस वर्ष सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पहुंचेंगे। इस बात की जानकारी देते हुए आयोजन समिति के डॉ कुशल सिंह ने बताया कि सीएम कार्यालय की ओर से उनके आने की स्वीकृति आयोजन समिति को मिल चुकी है व कमेटी अब अपनी तैयारियों में जुट गई है। बता दें कि जोशीमठ के सलूड डुंग्रा गांव में 500 वर्षों से रम्माण मूक नृत्य नाटिका का आयोजन किया जाता है। यह पूरा आयोजन गांव के भुम्याल देवता के प्रांगण में होता है। सबसे पहले भूम्याल का निशान नचाया जाता है जो क्षेत्र को सुख समृद्धी की मनौतियां देता है। वास्तव में रम्माण मूक नृत्य नाटिकायें व मुखौटा नृत्य है। रम्माण के आयोजन के दौरान भूम्याल के चोपते में जिसमें 18 मुखौटे व अन्य पात्र 12 ढोल, 12 दमोउ की 18 ताल में अपनी अपनी प्रस्तुतियां देते हैं व ताल बदलते ही नृत्य शैली में भी बदलाव आता है।
रम्माण का मुख्य आकृषण राम सीता व लक्ष्मण के नृत्य के अतिरिक्त हनुमान, कृष्ण, गणेश, माल, गोरखा युद्ध, बणिया बणियांण, कुर जोगी आदि हैं सभी पात्र बारी बारी से आकर भुम्याल के मंदिर प्रांगण में अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। मान्यता है कि शंकराचार्य युग में मुखौटा नृत्य की शुरूवात हुई थी उस समय आदि शंकराचार्य ने जोशीमठ के नृसिंह मठांगन में सबसे पहले मुखौटा नृत्य आयोजित कर सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रचार शुरू किया था। और यही परंपरा आज भी उच्च हिमालयी गांवों में चली आ रही है। आयोजन समिति के जगदीश चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री 27 अप्रैल को प्रातः 11 बजे सलूड डुंग्रा पहुंचेंगे, बताया कि रम्माण की शुरूवात प्रातः 9 बजे से कर दी जायेगी।

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